पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए स्थायी अभियान चलाने की वकालत
आगे की रणनीति तैयार करने के लिए अधिकारियों के साथ की बैठक
डिप्टी कमिश्नरों को अपने जिलों में ज़ोर-शोर से अभियान शुरू करने के निर्देश
पिछले तीन वर्षों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी
पराली प्रबंधन मशीनों के लिए ‘उन्नत एप’ पर 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को और कम करने के लिए किसानों को पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्थायी अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) की तैयारियों पर बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को प्रचार अभियान के माध्यम से पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उनको पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भी बताया जाए कि कस्टम हायरिंग सेंटर्स के माध्यम से वे पराली प्रबंधन पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने पंचायतों और अन्य साझा स्थानों पर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों (Deputy Commissioners) को निर्देश दिया कि पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए ज़ोर-शोर से अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पराली जलाने के खिलाफ जंग को जन आंदोलन में बदलने में मदद मिलेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन अभियान 2024-25 के तहत agrimachinerypb.com पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने के इच्छुक किसानों से आवेदन मांगे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जून 2024 तक कुल 63,904 आवेदन प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि जिलों की मांग पर इस पोर्टल को 13 सितंबर से 19 सितंबर 2024 तक फिर से खोला गया था, और इस पर 19 सितंबर तक कुल 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 14,000 मशीनें और जिलों में कस्टम हायरिंग सेंटरों को 1,100 मशीनें प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने ‘उन्नत किसान’ मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है, जिसकी मदद से धान की कटाई सीजन-2024 से पहले किसान फसलों के अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनें प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस एप के जरिए छोटे और सीमांत किसानों के लिए ये मशीनें अधिक सुलभ हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि एप पर किसानों के लिए 1.30 लाख से अधिक सीआरएम मशीनों को मैप किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किसान अपने आस-पास उपलब्ध कस्टम हायरिंग सेंटरों (सीएचसी) से आसानी से मशीनें बुक कर सकते हैं। अधिक सुविधा के लिए, ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी/क्लस्टर हेड पहले ही किसानों की पसंदीदा मशीन तय कर देंगे, ताकि किसान आसानी से मशीन बुक कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मशीनों के उपयोग और बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान के कारण फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में फसल अवशेष जलाने की 76,929 घटनाओं की तुलना में 2022-23 में ये घटनाएं (71,159) 30 प्रतिशत तक कम हो गईं और 2022-23 में 71,159 घटनाओं की तुलना में 2023-24 में 26 प्रतिशत की कमी के साथ यह संख्या 49,922 तक रह गई। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि 2020-21 की तुलना में 2023-24 में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कुल 52 प्रतिशत की कमी आई है।