सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Jama Masjid: राजधानी दिल्ली में 300 साल पुरानी जामा मस्जिद (Jama Masjid) और उसके आस पास के पुनर्निर्माण करने की प्लानिंग है। इसके लिए नया सलाहकार और वास्तुकार (Architect) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। है। नई योजना का लक्ष्य मस्जिद के आस पास की चुनौतियों का समाधान करना और ऐतिहासिक क्षेत्र में सुधार करना है। एसआरडीसी (SRDC) के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग पुनर्विकास (Redevelopment) कार्य को करेगा।
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आपको बता दें कि जामा मस्जिद के रीडेवलपमेंट प्लान (Redevelopment Plan) लगभग 12 हेक्टेयर में फैला है। इसमें करीब 3 साल का समय लगेगा। प्रस्तावित रिडेवलपमेंट में वॉकवे, टूरिस्ट इंटरप्रिटेशन सेंटर, मल्टी पर्पज एक्टिविटी के लिए प्लाजा, कम्युनिटी यूज के लिए ओपन स्पेस, पार्किंग, सिक्योरिटी और इन्फॉर्मेशन पोस्ट, महिलाओं और पुरुषों के लिए यूटिलिटी, ट्री प्लांटेशन शामिल है।
मुख्य मस्जिद के पास दरगाहों का रेनोवेशन
बैठक में बताया गया कि चांदनी चौक (Chandni Chowk) की हाल ही में संपन्न पुनर्विकास परियोजना से मिली सीखों का तकनीकी और साथ ही प्रबंधन के दृष्टिकोण से समाधान के लिए कमियों आदि पर विश्लेषण करें। इससे उद्देश्यों को प्राप्त करने में कमियों की पहचान की जा सके। एसआरडीसी के नए निर्देशों के अनुसार आर्किटेक्ट सलाहकार (Architect Advisor) पिछली योजना को स्वीकार करते हुए लेकिन डिजाइन में नयापन लाते हुए एक योजना तैयार करेगा। मौजूदा योजना के अनुसार पीडब्ल्यूडी मुख्य मस्जिद (Masjid) के आसपास के क्षेत्र में शेख कलीमुल्लाह, उबरे शाह, जनरल शाह, नवाज खान की दरगाहों के नवीनीकरण का काम करेगा। इसके साथ ही मीना बाजार का पुनर्वास भी करेगा।
आर्किटेक्ट के लिए क्या-क्या है चुनौती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नए आर्किटेक्ट पुनर्विकास (Architect Redevelopment) के रास्ते में आने वाली यूटिलिटी के संभावित ट्रांसफर पर बिजली डिस्ट्रीब्यूटर बीएसईएस, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड जैसी अन्य एजेंसियों के साथ काम करने की संभावना है। पहले के सर्वेक्षणों (Survey) में पाया गया था कि बीएसईएस को अपने ट्रांसफार्मरों के जमीन के नीचे की संभावना का पता लगाना होगा। डीयूएसआईबी को अपने रैन बसेरों को जामा मस्जिद से एक उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करना होगा।
दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) को भी अपने पानी के टैंकों को उपसतह स्तर पर करना होगा। चांदनी चौक पुनर्विकास की संकल्पना पूरी तरह से 2 साल पहले एसआरडीसी की तरफ से की गई थी। पुनरुद्धार पूरा होने के करीब 1 साल बाद ऐतिहासिक मार्ग खराब रखरखाव और प्रबंधन के लिए खबरों में रहा है। सड़क पर सफाई व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर विभिन्न विभागों के बीच खींचतान चल रही है। व्यापारियों का दावा है कि बूम बैरियर जैसी कई सुविधाओं पर कर्मचारी तैनात नहीं किए जा रहे हैं। इस वजह से नए ट्रैफिक (Traffic) समय का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है।