पंजाब और Chandigarh में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए है।
Chandigarh News: पंजाब और चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए है। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने आगामी दशहरा, दिवाली और गुरु पर्व के दौरान पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जो स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चंडीगढ़ के नागरिक निर्धारित समय सीमा के भीतर ग्रीन पटाखों (Green Crackers) के साथ अपने त्योहार मना सकेंगे। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Punjab के राज्यपाल कटारिया और CM Maan ने वाइस चांसलरों की कांफ्रेंस में की शिरकत
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया है। जारी आदेश में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का हवाला दिया गया है। दशहरा (Dussehra) के दिन रावण दहन के समय, दिवाली पर रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक और गुरु पर्व के मौके पर सुबह 4 बजे से लेकर 5 बजे और फिर रात में 9 बजे से लेकर 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देने का फैसला लिया गया है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए अनुमतियां ऑनलाइन मोड में डीसी कार्यालय (DC Office) के माध्यम से जारी की जाएंगी। बता दें कि, ग्रीन पटाखे (Green Crackers) हवा में कम जहरीले कण छोड़ते हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। ग्रीन पटाखों पर ‘ग्रीन’ और ‘ई’ मार्किंग होती है, जिससे इन्हें पहचाना जा सकता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिवाली और अन्य त्योहारों के समय ग्रीन पटाखों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
ग्रीन पटाखे (Green Crackers) राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की खोज हैं और ये आवाज से लेकर दिखने तक में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं। इनको जलाने पर प्रदूषण काफी कम होता है। ये सामान्य पटाखों की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं, क्योंकि इनमें एल्युमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है। ग्रीन पटाखों में खतरनाक रसायनों की मात्रा भी काफी कम होती है।
ये भी पढ़ेः CM Maan ने लोगों को दशहरे और दुर्गा पूजा की बधाई दी
सामान्य पटाखों की तुलना में महंगे होते हैं ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखों (Green Crackers) के कीमत की बात करें तो यह परंपरागत पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। डीसी ऑफिस की तरफ से इन पटाखों को बेचने के लिए विक्रेताओं को लाइसेंस दिए जाएंगे। इसके लिए ड्रा का आयोजन होगा। शहर के अलग-अलग इलाकों में पटाखों की बिक्री के लिए साइट तय किए जाएंगे, जहां से लोग ग्रीन पटाखे खरीद सकेंगे।