एक अदद घर का सपना हर कोई संजोता है ताकि बाकी की जिंदगी आराम से गुजारी जा सके। लोग इसके लिए लाखों की पूंजी भी झोंक देते हैं। लेकिन रियल स्टेट कंपनियों में से कुछ फ्लैट खरीदारों को सिर्फ गुमराह करने का काम करते हैं।
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बहुत बार ऐसा होता है कि किसी बिल्डर समय पर अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाता और घर बुक कराने वालों को उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पाता. उनका पैसा अटक जाता है और वे घर से वंचित भी रह जाते हैं. बिल्डर उन्हें घर या पैसे देने की बजाय केवल आश्वासन ही देता है.
अगर आपके साथ भी यह हुआ है तो आपको बिल्डर के आश्वासनों के सहारे रहने या फिर हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जरूरत नहीं है. साल 2016 में रियल एस्टेट में मौजूदा विसंगतियों को खत्म करने के लिए रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 बनाया गया. इसके तहत रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) बनाई गई. इस अधिनियम के प्रावधान आपको पैसा वापस दिलाने में बहुत काम आते हैं.
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ऐसे पाएं पैसा वापस
अटके पड़े प्रोजेक्ट के मामलों में किसी घर खरीदार के पास कई विकल्प मौजूद होते हैं. ऐसा खरीदार अपने राज्य के रेरा में शिकायत दर्ज करा सकता है. कानूनी तौर पर रेरा को किसी शिकायत का निपटारा 60 दिन के भीतर करना होता है. अगर शिकायत पर RERA की ओर से कोई आदेश दिया जाता है, तो बिल्डर को उसे 45 दिन के भीतर लागू करना होता है.
घर खरीदार अटके हुए प्रोजेक्ट में और निवेश नहीं करना चाहता और उसके बदले में रिफंड चाहता है. तो वह RERA नियमों के तहत ऐसा कर सकता है. मतलब की आपने किसी प्रोजेक्ट में कुछ पैसे देकर फ्लैट बुक कराया था. बिल्डर का प्रोजेक्ट अटकने की वजह से आपको तय समय पर घर नहीं मिला है. अब आपका मन बदल गया है और आप घर नहीं लेना चाहते और अपना लगाया हुआ पैसा वापस चाहते हैं तो आप ब्याज सहित अपना मूलधन वापस पा सकते हैं।
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