Bihar News: बिहार की राजनीति ने एक बार फिर से करवट ले लिया है जहां नीतीश कुमार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने जा रहे हैं। पिछले काफी दिनों से चल रही सियासी उठापठक के बीच बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) का डील अब लगभग फाइनल हो गया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) 28 जनवरी को दोपहर 12 बजे गवर्नर को अपना इस्तीफा सौपेंगे और 4 बजे बीजेपी के साथ सरकार की शपथ लेंगे।
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नीतीश कुमार इससे पूर्व कई बार पाला बदल चुके हैं। पहली बार उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा। दूसरी बार राजद का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आए। फिर दोबारा राजद के साथ गए। अब आरजेडी का साथ छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ आने वाले हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह भी तय हो गया है। जेडीयू से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में 28 जनवरी को आयोजित होगा। इन सारी चर्चाओं के बीच जेडीयू और आरजेडी की अलग-अलग बैठक जारी रही। बिहार में ये बात पूरी तरह क्लियर हो गई है कि नीतीश कुमार चौथी बार पाला बदलने जा रहे हैं। इस बार उन्होंने काफी सोच-समझकर एनडीए के साथ जाने का फैसला किया है।
पटना में मचे राजनीतिक घमासान के बीच भाजपा आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह उच्चस्तरीय बैठक हुई। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार मंथन किया। बताया जा रहा कि शाह के आवास पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में वापसी के विभिन्न फ़ॉर्मूले पर विचार किया गया। सूत्रों की माने तो बैठक में पार्टी आलाकमान की तरफ से बिहार प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी नेताओं को नीतीश कुमार के मसले पर कोई विवादित बयान नहीं देने की हिदायत भी दी गई थी।
लेकिन अब जब बीजेपी और जदयू के डील फाइनल हो गया है तो दोनों पार्टी के नेता किसी के बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। आज दिन की एक और तस्वीर ने लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि डील फाइनल है जब नीतीश कुमार बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विन चौबे के साथ मंदिर में पूजा करने पहुँचे औ साथ मे कई तस्वीर वायरल हुई तो वहीं बक्सर में ही लगें पोस्टर से नीतीश कुमार को दिखे लेकिन तेजस्वी यादव गायब थे।
वहीं दूसरी तरफ राजद के नेता लालू यादव (Lalu Yadav) के साथ खड़े हैं और अभी भी उन्हें भरोसा है कि अगर नीतीश कुमार राजद से अलग भी होते हैं तो लालू यादव जीनत राम मांझी को साथ लेकर सरकार बना लेंगे। इसीलिए बीजेपी की नजर नीतीश कुमार के घर होने वाली चाय बैठक पर लगी हुई है क्योंकि उससे यह स्थिति साफ होगी कि नीतीश के साथ उनके सभी विधायक मौजूद हैं या नहीं। क्योंकि लगातार कांग्रेस और आरजेडी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि नीतीश के एक दर्जन से ज़्यादा विधायक उनके संपर्क में नहीं हैं।