Bihar News: खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार, पटना (Patna) के द्वारा ‘‘राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस’’ के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन अधिवेशन भवन, पटना में किया गया। अधिवेशन भवन, पटना में मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग लेशी सिंह द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day), 2024 के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मंत्री द्वारा इस अवसर पर उपभोक्ता जागरूकता विवरणिका (Brochure) तथा आपूर्ति पदाधिकारियों के सिविल लिस्ट पुस्तिका का विमोचन किया गया। मंत्री ने जन वितरण प्रणाली दुकानों का निरीक्षण हेतु बनाए गए PDS PARAKH ऐप का भी लोर्कापण किया।
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PDS PARAKH ऐप लान्च के साथ बिहार सरकार ने Digital Bihar की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस ऐप का निर्माण जन वितरण निरीक्षण प्रणाली को और मजबूत तथा प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। इससे अधिकारियों को जन वितरण प्रणाली दुकानों की जाँच करने में सुविधा होगी और लाभुकों के फीडबैक की बेहतर मानिटरिंग हो पायेगी। इस ऐप के लान्च से न केवल जाँच प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि लाभुकों की समस्याओं का त्वरित समाधान भी हो पायेगा। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने में काफी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार, पटना द्वारा बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम ¼BSFC½] पटना कार्यालय में e-office का शुभारंभ किया गया। e-office के माध्यम से बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति के कार्यालय के कार्यों में तेजी एवं पारदर्शिता आयेगी।

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, 2024 के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान उपभोक्ता अधिकार एवं जागरूकता पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के पति जागरूक बनाया गया।
इस कार्यक्रम में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में उपभोक्ताओं के अधिकार से संबंधित वर्णित प्रावधानों से अवगत कराने हेतु प्रस्तुतीकरण करते हुए उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया।
मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, लेशी सिंह ने कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं से सम्बंधित वस्तुओं के व्यापार एवं सेवाओं की शुद्धता, सही माप-तौल, सही मूल्य एवं गुणवत्ता व अधिकारों तथा सेवाभाव के मानकों का दृढ़ता से पालन करने के दिशा में सार्थक प्रयास किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हेतु राज्य के प्रत्येक जिले में जिला उपभोक्ता आयोगों का गठन किया गया है जहाँ कोई भी उपभोक्ता अपने अधिकारों से वंचित होने पर 50 लाख रूपये तक के दावों के लिए शिकायत स्वयं या किसी स्वयंसेवी संस्था या अधिवक्ता के माध्यम से वाद दायर कर सकते हैं।

मंत्री ने यह भी कहा कि यदि उपभोक्ता को जिला उपभोक्ता आयोगों के मंचों से न्याय नहीं मिलता है तो वे राज्य मुख्यालय, पटना में कार्यरत राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर कर सकते हैं। जिला आयोगों में 50 लाख रूपये तक तथा राज्य आयोग में 50 लाख से 2 करोड़ रूपये तक के दावों की सुनवाई होती है और 2 करोड़ से अधिक के दावों का निस्तारण राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली में किया जा जाता है। साथ ही वस्तुओं के खरीदने अथवा सेवा प्राप्त करने के लिए भुगतान किया गया मूल्य 5 लाख तक किया गया है तो परिवाद दायर करने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में सितम्बर 2024 तक कुल 18,167 (अट्ठारह हजार एक सौ सड़सठ) वादों एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में कुल 1,14,791 (एक लाख चkSदह हजार सात सौ इक्यानबे) वादों को निष्पादित करते हुए उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाया गया है।
मंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु बनाई गई विवरणिका का स्वागत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही उन्होने कहा कि PDS PARAKH ऐप के माध्यम से जन वितरण प्रणाली दुकानों के निरीक्षण में काफी सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव, डॉ0 एन0 सरवण कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा एवं उन्हें अपने अधिकार के प्रति शिक्षित करने हेतु भारत सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 अर्थात 24 दिसम्बर 1986 को पूरे देश में लागू किया था। इस अवसर पर पूरे देश में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाता है। आज उपभोक्ता दिवस के अवसर पर हम सभी लोगों का दायित्व है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जाय। किसी भी वस्तु अथवा सेवा में त्रुटि हो, तो उपभोक्ता को सबसे पहले कस्टमर केयर शिकायत करना चाहिए। अगर वहां से उपभोक्ता को समाधान न मिले तब उपभोक्ता को टाल फ्री नं0-1915 पर डायल कर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। यहां 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने की सुविधा है तथा यहां से सीधे उत्पादक से समस्या का समाधान की व्यवस्था है। इन दोनों विकल्पों का चयन करने के बाद भी उपभोक्तओं की समस्या का समाधान नहीं मिले तब उन्हें जिला उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए उत्पाद या सेवा में त्रुटि के लिए सिर्फ दुकान या आनलाईन खरिदारी का बिल होना चाहिए ग्राहकों को इस बात के लिए भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वस्तु या सेवा खरीदते समय उन्हें बिल आवश्य लेना है। जिस उत्पाद में गड़बड़ी मिली हो उपभोक्ता को साक्ष्य के रूप में इसका सैम्पल आवश्य रखना चाहिए।
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इसके साथ ही सचिव ने बैंक, बीमा, बिजली, कोचिंग, आर्पाटमेंट फलैट, कपड़े, ई-कामर्स, होम डीलिवरी आदि में उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पड़ बल दिया।
सचिव ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार उपभोक्ता वह व्यक्ति है जो अपने इस्तेमाल के लिए कोई वस्तु खरीदता है या सेवा प्राप्त करता है। खरीददार की अनुमति से ऐसी वस्तुओं अथवा सेवाओं का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। यदि कोई व्यक्ति स्वरोजगार के जरिए अपनी जीविका कमाने के प्रयोजन से वस्तुएँ खरीदता है तो वह भी एक उपभोक्ता है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हेतु राज्य के प्रत्येक जिले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का गठन किया गया है जहाँ कोई भी उपभोक्ता अपने अधिकारों से वंचित होने पर 50 लाख रूपये तक के दावों के लिए स्वयं या किसी सवयंसेवी संस्था या अधिवक्ता के माध्यम से वाद दायर कर सकता है। जिला आयोगों में 50 लाख रूपये तक तथा राज्य आयोग में 50 लाख से 2 करोड़ रूपये तक के दावों की सुनवाई होती है और 2 करोड़ से अधिक के दावों का निस्तारण राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली में किया जा सकता है।
सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए तैयार की गयी विवरणिका, आपूर्ति सेवा के पदाधिकारिायों यथा-आपूर्ति पदाधिकारी के सिविल लिस्ट पुस्तिका के विमोचन एवं PDS PARAKH ऐप के लान्च का स्वागत किया और कहा कि इन पहलों से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण के कार्यों में तेजी के साथ-साथ पारदर्शिता आयेगी। उन्होने कहा कि 01 जनवरी, 2025 से विभाग के सभी Inspection का कार्य PDS PARAKH ऐप के माध्यम से ही किया जायेगा।
बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम (BSFC), पटना कार्यालय में e-office के शुभारंभ का स्वागत करते हुए सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कहा कि इससे कार्यों में तेजी आयेगी और विभाग के कार्यों में पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
आज के कार्यक्रम में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के विशेष सचिव मो0 नैय्यर इकबाल, उपभोक्ता संरक्षण निदेशालय के निदेशक, विभूति रंजन चैधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अपर सचिव, उपेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव, रवीन्द्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, विनोद कुमार तिवारी, विशेष कार्य पदाधिकारी, सृष्टि प्रिया, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, पटना, मनोरंजन कुमार, बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के मुख्य महाप्रबंधक, मृत्यंुजय कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, रमण कुमार सिन्हा राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य, मो0 शमीम अख्तर, बिहार उद्योग संघ के प्रतिनिधि, FICCI के प्रतिनिधि तथा भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक, एस0के0 गुप्ता एवं कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, उद्योग विभाग, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं परिवहन विभाग के प्रतिनिधि समेत खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में नव पदस्थापित आपूर्ति पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए।

