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Bihar News: स्मार्ट सिटी को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान

बिहार
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Bihar News: नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को माननीय मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार, नितिन नवीन द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर विभाग के सचिव, अभय कुमार सिंह सहित विभिन्न योजनाओं के राज्य नोडल पदाधिकारीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 74 स्कीम का काम पूरा हो गया है और 55 स्कीम में 70 प्रतिशत काम पूर्ण है।
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उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन को सरकार काफी महत्व दे रही है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही इसके प्रबंधन पर क्लब किया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को निदेशित है कि सेग्रीगेशन के मॉडल को भी ध्यान में रखना होगा क्योंकि सौलिड बेस्ड ग्रीन फ्यूनरल सिस्टम शुरू किया गया है। भागलपुर में यह प्रारंभ है और आने वाले समय में हर जिले में इसकी एक यूनिट बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में आई.सी.सी. में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर है जिससे शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने में मदद मिलती है।

विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। बक्सर से लेकर कटिहार तक गंगा किनारे निकायों की संख्या 141 से बढ़कर 261 हो गई है जो दिखाता है सरकार शहरों में बेहतर व्यवस्था देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे विभाग की अन्य गतिविधियों की जानकारी दी जो निम्नवत् है:-

मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना:-

राज्य के शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु एक ऐसी योजना प्रांरभ की गयी है. जिसमें जल निकास सहित चौड़ी, सुदृढ, गुणवता युक्त सड़कों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार तथा पार्को, घाटों, जलाशयों इत्यादि का एक साथ प्रावधान हो, ताकि राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में विकास की गति त्वरित हो सके। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 से एक नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के नाम से प्रवर्तित एवं कार्यान्वित की गयी है। इस योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 तथा वर्ष 2025-26 के लिए प्रत्येक वर्ष ₹500.00 करोड रूपये (पाँच सौ करोड़ रूपये) की राशि कर्णाकित की जायेगी। उक्त राशि के 3 गुणा राशि (BOS3) तक की योजनाएँ ली जायेगी। ये योजनाएँ चिन्हित की जा रही हैं।

ठोस एवं तरल अपशिष्ट का प्रबंधन :-

सूखे एवं गीले कचरे को मशीन के माध्यम से प्रसंस्करण एवं निष्पादन हेतु पटना में 100 TPD का Bio & Methanation एवं Waste to Energy Plant तथा अन्य निकायों में Sanitary Landfill, कम्पोस्ट एवं Material Recovery Facility (MRF) चसंदज लगाया जाना प्रस्तावित है। उपयोग किये गये जल के प्रबंधन हेतु STP Cum Faecal Sludge Plant लगाया जाना प्रस्तावित है।

निकायों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से 286 सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी का पद सृजित किया गया है। उक्त पद पर वर्तमान में 232 सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी कार्यरत है तथा 54 पदों पर बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से बहाली हेतु अधियाचना सामान्य विभाग को भेज दी गई है। राज्य में ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन एवं निस्तारण किये जाने हेतु Integrated Solid Waste Management (ISWM) योजना प्रस्तावित है।

उक्त योजना अन्तर्गत कुल 24 क्लस्टर में 161 नगर निकायों तथा शेष 100 निकायों में Standalone विधि से प्रबंधन किया जाना है। ISWM अन्तर्गत प्रसंस्करण सुविधा में सूखे कचरे के प्रबंधन हेतु Material Recovery Facility (MRF) और Refused Derived Fuel (RDF) और गीले कचरे के प्रबंधन हेतु Bio Methanation संयंत्र तथा कम्पोस्ट प्लांट तथा बचे हुए Insert कचरे के निस्तारण हेतु वैज्ञानिक लैंडफिल सुविधाएं प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त पटना क्लस्टर के लिए 15 मेगावाट का अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र भी प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना-

राज्य के शहरी क्षेत्रों में वासित प्रत्येक परिवार को नल का शुद्ध जल उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना लागू है। इस योजनान्तर्गत नगर निकायों में प्रत्येक परिवार को नल का जल उपलब्ध कराया जाना है। इस क्रम में कुल 261 नगर निकायों के कुल लक्षित 26,66,277 घरों के विरुद्ध 26,06,212 घरों में नल का शुद्ध जल उपलब्ध कराया जा रहा है। शीघ्र ही शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ली जायेगी।

अमृत योजना एवं गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से भी पेयजल आपूर्ति का कार्य किया जा रहा है। आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्यच-02 योजना अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या के समाधान हेतु स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना का निर्माण कराया जाना है। इस योजना अंतर्गत पटना सहित कुल 20 शहरों के लिये कुल ₹2863.9542 (दो हजार आठ सौ तिरसठ करोड पंचान्चे लाख रूपये) करोड़ रूपये की योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत योजनाओं की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

नमामि गंगे कार्यक्रम :-

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राज्य में गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने हेतु गंगा नदी एवं गंगा की सहायक नदियों के तट पर अवस्थित 27 शहरों में 37 परियोजनायें स्वीकृत हैं। इन 37 परियोजनाओं में से 14 सीवरेज परियोजनायें यथा बेउर, करमलीचक, सैदपुर एवं पहाड़ी एस.टी.पी., बेउर सैदपुर, पहाड़ी जोन IV A (5) एवं पहाडी जोन सीवरेज नेटवर्क का कार्य पूर्ण है। चालू 15 सीवरेज परियोजनाओं में से 8 परियोजनाओं यथा करमलीचक सीवरेज नेटवर्क, मोकामा बख्तियारपुर, छपरा, फुलवारीशरीफ आई.एण्ड डी. एवं एस.टी.पी. तथा बेगूसराय एवं हाजीपुर एस.टी.पी. एवं सीवरेज नेटवर्क में 90% से अधिक कार्य हो चुका है तथा शेष चालू 8 परियोजनाओं का कार्य प्रगति में है।

स्मार्ट सिटी मिशन :-

भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना एवं बिहारशरीफ शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने हेतु SPV का गठन कर लिया गया है तथा योजना के अधीन पटना, भागलपुर मजुफ्फरपुर एवं बिहारशरीफ के SPV के सफल कार्यान्वयन के लिए संविदा आधारित पदों का सृजन किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन योजना में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की भागीदारी 50:50 अनुपात में है।

प्रत्येक स्मार्ट सिटी शहर को पाँच वर्षा तक 100.00 करोड रूपये (एक सौ करोड़ रूपये) केन्द्र सरकार द्वारा तथा 100.00 करोड़ रूपये (एक सौ करोड़ रूपये) राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना है। भागलपुर स्मार्ट सिटी को केन्द्रांश एवं राज्याश मिलाकर कुल राशि रू० 980.00 करोड रूपये (नौ सौ अस्सी करोड़ रूपये), पटना स्मार्ट सिटी को 733.50 करोड़ रूपये (सात सौ तैतीस करोड़ पचास लाख रूपये), मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी को 854.47 करोड़ रूपये (आठ सौ चौवन करोड़, सैतालिस लाख रूपये) एवं बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी को 755.25 करोड़ रूपये (सात सौ पचपन करोड पच्चीस लाख रूपये) विमुक्त किया गया है।

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई परियोजनाएँ चल रही हैं, जैसे, ICCC परियोजना के तहत यातायात एवं अन्य गतिविधियों की निगरानी हेतु कैमरा का अधिष्ठापन कार्य, पार्कों का जीर्णोद्वार कार्य, River Front Development, झीलों एवं तलाबों का सौंदर्गीकरण कार्य, सड़क एवं नालों का निर्माण कार्य, Multilevel Car Parking का निर्माण, Road Over Bridge एवं Foot over Bridge का निर्माण कार्य।

स्मार्ट सिटी मिशन अन्तर्गत चारों स्मार्ट सिटी में कुल 129 परियोजनाएँ स्वीकृत है, जिसमें से 74 परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 55 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

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सम्राट अशोक भवन निर्माण:-

राज्य के शहरी क्षेत्रों में जगह के अभाव के कारण विभिन्न आयोजन आदि करने में कठिनाई होती थी. इसे देखते हुए राज्य के सभी नगर निकायों में बहुउद्देशीय नगर भवन के रूप में सम्राट अशोक भवन निर्माण कराये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

इसके अंतर्गत दक्षिणी बिहार क्षेत्र में 1.35 करोड रूपये (एक करोड़ पैंतीस लाख रूपये) एवं उत्तरी बिहार क्षेत्र में 1. 39 करोड़ रूपये (एक करोड़ उनतालीस लाख रूपये) की लागत से अब तक 121 नगर निकायों में सम्म्राट अशोक भवन निर्माण की योजना स्वीकृत की जा चुकी है। शेष नगर निकायों में योजना के स्वीकृति की कार्रवाई की जा रही है।

मोक्षधाम योजना:-

शवों के अंतिम संस्कार हेतु पर्यावरण की स्वच्छता एवं आम नागरिकों की सुविधा को दृ ष्टिगत रखते हुए सुशासन के कार्यक्रम, 2020-25 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्यच-02 के अंतर्गत राज्य के 39 शहरों महत्वपूर्ण नदी घाटों पर कुल 234.15 करोड़ रू० (दो सौ चौंतीस करोड पन्द्रह लाख रूपये) की लागत से शवदाहगृह निर्माण योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन योजनाओं के पूर्ण होने की अवधि दिसम्बर, 2024 निर्धारित की गई है।

वृद्धजनों हेतु आश्रय स्थल का निर्माण –

आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्यच-02 अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में निराश्रित, उपेक्षित, बेसहारा एवं अन्य वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय सहित सहित अन्य सुविधाओं के माध्यम से उनके स्वास्थ्य एवं गरिमापूर्ण जीवन यापन यापन हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल योजना की शुरूआत की गई है। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिला मुख्यालय (पटना को छोड़कर) में अवस्थित 37 नगर निकायों में एक युनिट (50 बेड) वृद्ध आश्रय स्थल के संचालन हेत कुल 19.67 करोड़ रू० की राशि आवंटित की गई है। जिला मुख्यालय के बाद द्वितीय चरण में अनुमंडल मुख्यालय में वृद्धजन आश्रय स्थल खोलने पर विचार किया जाएगा।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM):-

शहरी गरीबी के उन्मूलन हेतु प्रदेश के सभी नगर निकायों में, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का कियान्वयन किया जा रहा है। राज्य में अब तक कुल 1.83.296 फुटपाथ विक्रेताओं की पहचान कर इन्हें विकय प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा चुका है।

साथ ही अबतक कुल 1,66,790 फुटपाथ विकेताओं को PM स्वनिधि योजना अन्तर्गत बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है। आगामी एक वर्ष में राज्य के शहरी क्षेत्रों में 20,000 गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसको ध्यान में रखते हुए योजना के प्रभावी कियान्वयन हेतु विभाग द्वारा जीविका के साथ

एकरानामा किया गया है। पटना मेट्रो रेल परियोजना-

सार्वजनिक यातायात को सुलभ बनाने एवं सस्ती यातायात की सुविधा आम नागरिकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा पटना मेट्रो रेल परिचालन का निर्णय लिया गया, जिसकी कुल लम्बाई 32.5 कि०मी० है। इसमें कुल 25 स्टेशन प्रस्तावित (12) Elevated, 12 Under Ground एवं AT Grate Transite Station) है।

इसकी अनुमानित लागत 13365.77 करोड़ रू० है। प्रस्तावित परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में पटना मेट्रो रेल के दो कोरिडोर का चयन किया गया है। कॉरिडोर-1, जो दानापुर से प्रारंभ होकर जवाहर लाल नेहरू मार्ग (बेली रोड), पटना रेलवे स्टेशन, मीतापुर से गुजरते हुए खेमनीचक तक जाती है। इसकी कुल लबाई 17.93 कि०मी० है। कॉरिडोर-॥

बिहार संग्रहालय से पटना संग्रहालय तक सब वे निर्माण योजना:-

राज्य में पर्यटन के अवसरों में वृद्धि करने तथा ऐतिहासिक घटनाओं/परिदृश्यों से नई पीढी को अवगत कराने हेतु निर्मित बिहार संग्रहालय को पूर्व से निर्मित पटना संग्रहालय से जोड़ने हेतु कुल₹ 542.00 करोड रू० (पाँच सौ बयालीस करोड़ रूपये) की सब-वे निर्माण योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसका कार्यान्वयन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा कराया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को काम करने के लिए फिलहाल 75 करोड रूपये हस्तांतरित किया गया है।

रोजगार सृजन:-

नगर विकास एवं आवास विभाग में अगले एक वर्ष में स्वीकृत विभिन्न कोटि के पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु 3956 पदों की अधियाचना आयोग को प्रेषित की गई है, जिस पर शीघ्र ही नियमित नियुक्ति होने की संभावना है।

सहायक अभियंता (असैनिक) के 168 एवं सहायक अभियंता (यांत्रिक) के 58 पदों पर नियमित नियुक्ति की गई है। नगर निकायों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (Solid and wet waste Management) के उद्देश्य से 272 सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है।

नगर निकायों में स्थापित नियमों एवं अधिनियमों के अनुरूप निर्माण एवं नक्शा स्वीकृति तथा शहरों के सुव्यवस्थित बसाने के उद्देश्य से 80 सहायक नगर योजना (टाउन प्लानिंग) पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है। नगर निकायों के सुचारू संचालन के उद्देश्य से 110 नगर कार्यपालक पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है।