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Bihar सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका की स्थापना, छात्रों को मिलेगा पोषण युक्त आहार

बिहार
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Bihar News: बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी, ताकि छात्रों को कुपोषण से बचाया जा सके और उन्हें पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराया जा सके। इस उद्देश्य से आयुक्त, मनरेगा की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था- ‘महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत पोषण वाटिका का सृजन’।
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कार्यशाला को संबोधित करते हुए मनरेगा आयुक्त ने बताया कि राज्य के सभी प्रखंडों में पहले चरण में एक पोषण वाटिका स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए उन सरकारी विद्यालयों को चिह्नित किया जा रहा है, जो चारदीवारी और चापाकल से युक्त हैं। इसके साथ ही, पोषण वाटिका के लिए जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नाडेप टैंक का निर्माण भी किया जाएगा। आयुक्त ने उम्मीद जताई कि इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के बाद मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

एमडीएम के उप-मिशन निदेशक बालेश्वर प्रसाद यादव ने कार्यशाला में पोषण वाटिका से होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ अंतर्यामी दास ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे।

यह पोषण वाटिका ग्रामीण विकास विभाग और शिक्षा विभाग के अभिसरण से स्थापित की जाएगी, जिसमें आँवला, सहजन, नींबू, अमरूद, जामुन, आम, कटहल, अनार, लीची, सीताफल जैसे पौधे लगाए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को पोषण युक्त मध्याह्न भोजन सुनिश्चित हो सके। पौधों की खरीदारी जीविका दीदीयों की नर्सरी से की जाएगी।

इस योजना के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। मनरेगा की नीतियों के तहत स्थानीय ग्रामीणों को वनपोषक के रूप में चुना जाएगा, जो पोषण वाटिका में रोपे गए पौधों की देखभाल और पटवन का कार्य करेंगे। यह वनपोषक अगले 5 वर्षों तक अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।

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कार्यशाला में एमडीएम के उप निदेशक बालेश्वर प्रसाद यादव, पोषण विशेषज्ञ प्रगति, यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ अंतर्यामी दास, यूनिसेफ के राज्य सलाहकार, सभी जिलों के उप-विकास आयुक्त, मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन के जिला परियोजना प्रबंधक और बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाईटी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया।