मुख्यमंत्री के निर्देश
- प्रथम चरण की बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में आज 7-7 हजार रूपये की आनुग्रहिक राहत राशि हस्तांतरित की गयी है। द्वितीय चरण के बाढ़ से प्रभावित परिवारों को दुर्गा पूजा के पूर्व (9 अक्टूबर तक) उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित करा दें।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसल क्षति का आकलन करायें और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायें।
- बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनस्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनस्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संभावित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।
Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 2024 में राज्य में 13 जिलों में आयी बाढ़ (प्रथम चरण) से प्रभावित 4.39 लाख परिवारों को डी०बी०टी० (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के द्वारा सीधे उनके खाता में 7 हजार रूपये प्रति परिवार की दर से कुल 307 करोड़ रूपये की आनुग्रहिक राहत की राशि के भुगतान का माऊस क्लिक कर शुभारंभ किया।
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मुख्यमंत्री ने बाढ़ 2024 के दौरान चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी देते हुये बताया कि 20 सितम्बर से 29 सितम्बर के बीच गंगा नदी के जलस्तर में हुयी वृद्धि से 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुये। प्रथम चरण में 28.34 लाख की आबादी प्रभावित हुयी।
द्वितीय चरण में 29 सितम्बर से नेपाल एवं उत्तर बिहार के समीपवर्ती जिलों में हुयी भारी वर्षापात के कारण गंडक, कोशी आदि नदियों में जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ बाढ़ आपदा प्रबंधन मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी कार्रवाई की जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।
समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रथम चरण में आयी बाढ़ से 16 जिले के 67 प्रखण्ड और 645 पंचायत का कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। दूसरे चरण में आयी बाढ़ के कारण हुयी फसल क्षति का आकलन कराया जा रहा है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी ने अपने विभाग से संबंधित जानकारी देते हुये बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर लगाये गये हैं। पशु चिकित्सक, पशु चारा एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते रहें। सरकार में आने के बाद से आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये हमलोग लगातार तत्पर रहते हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसल क्षति का आकलन करायें और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायें। आज प्रथम चरण में आयी बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में राशि हस्तांतरित की गयी है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि द्वितीय चरण में आये बाढ़ से प्रभावित परिवारों को 9 अक्टूबर तक उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित करा दें। प्रथम चरण में आये बाढ़ से हुयी फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच यथाशीघ्र राशि का भुगतान करायें। बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनस्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनस्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़जनित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।
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बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव साहिला सहित आपदा प्रबंधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।