Noida Murder Case News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौरव चंदेल हत्याकांड पर 3 साल बाद बड़ा खुलासा हुआ है। नोएडा (Noida) का गौरव चंदेल हत्याकांड (Murder Case) काफी चर्चित मामलों में से एक है। साल 2020 में गुड़गांव से नोएडा लौट रहे गौरव चंदेल की कुछ बदमाशों ने हत्या कर दी। इस पूरी वारदात का खुलासा गौरव की एसयूवी (SUV) से मिले सुराग की वजह से हो पाया था। पढ़िए पूरी खबर…
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6 जनवरी साल 2020 की रात जब एक प्राइवेट हेल्थकेयर फर्म (Private Healthcare Firm) में मैनेजर के पद पर काम करने वाले 39 साल के गौरव चंदेल गुड़गांव में अपने ऑफिस से नोएडा में अपने घर की ओर जा रहे थे। उनका घर नोएडा की गौर सिटी सोसाइटी में है। जब वो अपने घर से महज 5 मिनट की दूरी पर थे, तब उन्होंने अपनी पत्नी को फोन करके बताया कि वो घर पहुंचने वाले हैं।
इसी दौरान उनकी एसयूवी कार (SUV Car) के अंदर कुछ लोगों ने मारपीट की और फिर सिर में गोली मार दी। वारदात के बाद करीब 5 घंटे तक उनके परिवार ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो गौरव के फोन के जीपीएस (GPS) ट्रैकर की मदद से उन तक पहुंचे और सुबह 4.15 बजे पर्थला चौक और हिंडन पुल के बीच सर्विस लेन पर उनका शव मिला।
शुरुआत में पुलिस को लगा लूटपाट का मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में पुलिस को ये मामला लूटपाट (Looting) का लगा। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। लगभग एक महीने तक नोएडा पुलिस को मामले को सुलझाने में सफलता नहीं मिली। पुलिस के हाथ कोई भी आरोपी नहीं लगा। गौरव की हत्या के हफ्तेभर बाद पुलिस को गाजियाबाद के आकाश नगर में उनकी एसयूवी किआ सेल्टोस मिली। इस कार से गौरव की हत्या मामले में एक बेहद जरूरी सुराग मिला।
मृतक की कार से मिले अहम सुराग
नोएडा पुलिस (Noida Police) ने कार को अपने साथ ले आई। इसकी जांच क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने की। प्रोटोकॉल के मुताबिक फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने कार की स्टीयरिंग से जो प्रिंट उठाए वो गौरव के प्रिंट से मेल खा गए। लेकिन एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार के दरवाजे, कंसोल और गियर पर 2 अज्ञात लोगों के फिंगर प्रिंट मिले। अधिकारी ने कहा है कि कार पर हफ्तेभर में धूल जमा हो गई थी और फॉरेंसिक एक्सपर्ट के लिए इसका सबूत इकट्ठा करना एक बड़ा टास्क था।
मिर्ची गैंग ने दिया था वारदात को अंजाम
पुलिस को इस हत्या और लूटपाट में मिर्ची गैंग (Mirchi Gang) के शामिल होने का संदेह हुआ। जो दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कार जैकिंग, जबरन वसूली, अपहरण, डकैती और हत्या के प्रयास के कई मामलों में शामिल है। 26 जनवरी 2020 को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मिर्ची गैंग के एक गुर्गे शार्प शूटर उमेश पंडित को हापुड़ से गिरफ्तार किया। नोएडा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कार के दरवाजे से उठाए गए फिंगर प्रिंट में से एक उमेश से मेल खाते हैं।
वारदात में शामिल थी एक महिला
इसके बाद पुलिस (Police) को पूरी घटना के बारे में पता चला। पुलिस ने बताया कि गौरव के साथ लूटपाट और हत्या की वारदात को मिर्ची गैंग के 3 गुर्गों ने अंजाम दिया। इसमें गैंग का सरगना आशू जाट, उसकी पत्नी पूनम और उमेश शामिल था।
बदमाशों की इस तिकड़ी ने पर्थला चौक से गुजर रहे गौरव चंदेल (Gaurav Chandel) को उस वक्त देखा, जब वो फोन पर बात कर रहे थे। इसके बाद उमेश ने गौरव को निशाना बनाया और उनसे कार की चाबी छीनने की कोशिश की। इस दौरान हाथापाई हुई और तभी आशु ने गौरव के सिर के पीछे 2 गोलियां मार दीं।
अपना हुलिया बदलकर मुंबई में रह रहा था आरोपी
एक अधिकारी ने बताया कि उमेश से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूनम को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया। इस बीच आशु उर्फ आकाश राजेंद्र सिंह पुलिस से बचता रहा। आखिरकार सितंबर 2020 में मुंबई पुलिस ने जोगेश्वरी वेस्ट प्रेम नगर से आशु को गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों ने बताया था कि आशु सब्जी विक्रेता (Vegetable Seller) बनकर अपनी पहचान छुपाता था और अपना ठिकाना बदलता रहता था। गिरफ्तारी के बाद, आशु को ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाया गया और आखिरकार चंदेल की हत्या के सिलसिले में नोएडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एक अधिकारी ने कहा कि अज्ञात व्यक्ति के दूसरे फिंगरप्रिंट का मिलान आशु से हुआ। इससे यह और स्पष्ट हो गया कि आशु और उमेश ने ही वारदात को अंजाम दिया।
वहीं गौरव के परिवार ने पुलिस पर ठीक से कार्रवाई नहीं करना का आरोप लगाया। इसके बाद लापरवाही के लिए बिसरख पुलिस स्टेशन के एसएचओ (SHO), 2 एसआई (SI) और कोतवाली गढ़ी के एसओ (SO) समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। मामला फिलहाल सूरजपुर की जिला अदालत में चल रहा है, वहीं तीनों आरोपी फिलहाल नोएडा की लुक्सर जेल में बंद हैं।