Noida News: नोएडा के फ्लैट खरीदारों के लिए खुशी की ख़बर है। नोएडा के 54,603 फ्लैटधारकों के रजिस्ट्री (Registry) का रास्ता जल्द ही साफ होने वाला है। दरअसल, बिल्डरों से बकाया वसूलने में नाकाम प्राधिकरण अब उन्हें करीब 3,000 करोड़ रुपये की छूट देने पर विचार रहा है। यदि ऐसा हुआ तो इन फ्लैटधारकों को फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा और जिन्हें पहले ही कब्जा मिल चुका है, उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री हो जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो इसका फायदा ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) वेस्ट या नोएडा एक्सटेंशन (Noida Extension) के फ्लैट खरीदारों को भी फायदा होगा।
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें
ये भी पढ़ेंः Ghaziabad में वर्किंग वूमन के लिए बड़ी खुशखबरी..पढ़िए ख़बर
ये भी पढ़ेंः Noida-ग्रेटर नोएडा में सोसायटी से चोरी हो रही है गाड़ियां
क्या चल रहा है प्राधिकरण में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह छूट नीति आयोग (NITI Aayog) के पूर्व सीईओ रहे अमिताभ कांत (Amitabh Kant) की सिफारिशों के आधार पर बिल्डरों को दी जा सकती है। हो सकता है कि बिल्डरों को कोरोना काल के दो साल का ब्याज माफ करने के साथ ही कई तरह की छूट मिल जाए। बताया जाता है कि प्राधिकरण में लंबे अरसे तक चले मंथन के बाद इस संबंध में मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर तैयार प्रस्ताव को शासन को भेजने की तैयारी चल रही है।
कैबिनेट की लगेगी मुहर
आधिकारिकों की मानें तो इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी चाहिए। यदि इस प्रस्ताव पर कैबिनेट मंजूरी मिल जाती है तो 54,603 खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे उन फ्लैटधारकों की रजिस्ट्री भी हो जाएगी, जो बरसों से इसकी बाट जोह रहे हैं। इससे सिर्फ नोएडा के फ्लैट खरीदारों को ही लाभ नहीं होगा बल्कि ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के बिल्डरों को भी राहत मिलेगी। जाहिर है कि इससे फ्लैट खरीदारों को लाभ मिलेगा।
कौन से फ्लैट फंसे हैं
नोएडा में 31 बिल्डर परियोजनाएं , जिनमें फ्लैटों का निर्माण तो हो गया है, लेकिन, बकाया भुगतान न करने की वजह से प्राधिकरण ने कंप्लीशन रोक दिया है। इनमें 29,603 फ्लैट हैं। इनमें से सात हजार फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया गया है। बाकी पर कब्जा तो दे दिया गया है, लेकिन उनकी रजिस्ट्री न होने से खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। प्राधिकरण का इन बिल्डरों पर 1,400 करोड़ रुपये पर बकाया है। बताया जाता है कि दो वर्ष की अवधि का ब्याज करीब 700 करोड़ रुपये होता है, जो प्राधिकरण माफ कर सकता है। वहीं 26 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनमें निर्माण अधूरा है। इनमें 25 हजार खरीदारों ने फ्लैटों की बुकिंग करा रखी है। किसी भी खरीदार को अभी ‘तक कब्जा नहीं मिला है, जबकि प्राधिकरण का बिल्डरों पर 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। इनका भी करीब 2,300 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
अमिताभ कांत कमेटी की है रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने बिल्डर और खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ समय पहले अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। कमेटी ने स्थायी और अविलंब समाधान की सिफारिश करते हुए बिल्डरों को ब्याज में छूट देने के लिए शून्य अवधि करने, निर्माण के लिए तीन वर्ष की समयावृद्धि और करने एवं कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा कराकर शेष राशि अगले तीन में जमा करने के लिए और समय देने की बात कही थी। जो बिल्डर निर्माण पूरा करने की स्थिति में नहीं है, उनके लिए को-डेवलपर लाने के लिए एक पॉलिसी बनाने की भी सिफारिश अमिताभ कांत कमेटी ने की है। प्रदेश सरकारों को इसे लागू करना है। उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इसका मूल्यांकन करा रही है। मूल्यांकन में देखा जाएगा कि बिल्डरों को वित्तीय छूट देने से प्राधिकरणों पर कितना भार पड़ेगा। इसका नोएडा प्राधिकरण ने मूल्यांकन कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण एनजीटी चलते बिल्डरों को दो वर्ष के ब्याज की छूट पहले ही दे चुका है। अब कोरोना काल की दो साल की अवधि का ब्याज न लेने पर भी विचार किया जा रहा है। लेकिन, इस पर अंतिम निर्णय प्रदेश कैबिनेट लेगी। नोएडा प्राधिकरण के इस प्रस्ताव पर यदि शासन की मंजूरी मिलती है तो बाकी प्राधिकरणों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हजारों फ्लैट खरीदारों को भी फायदा होगा।