कोरोना काल में यूपी के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों से ली गई फीस ना लौटाना प्राइवेट स्कूलों को भारी पड़ रहा है। शिक्षा निदेशालय ने फिलहाल नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 10 स्कूलों को नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें
सफायर इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा
शिवनाडर स्कूल, नोएडा
रायन इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 39 नोएडा
फादर एग्नल स्कूल, नोएडा
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, ग्रेटर नोएडा
मॉडर्न पब्लिक स्कूल सेक्टर-11, नोएडा
बिल्ला बॉंन्ग इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 34 नोएडा
रामज्ञा पब्लिक स्कूल, सेक्टर 50, नोएडा
द मिलेनियम स्कूल, सेक्टर 50 नोएडा
गगन पब्लिक स्कूल, ग्रेटर नोएडा
शामिल हैं। बाकी स्कूलों को भी बारी-बारी से नोटिस भेजा जा रहा है। अभी भी 200 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जिन्हें नोटिस भेजा जाना है।
आल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव के अरुणाचलम के मुताबिक जो भी स्कूल इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करेगा उस पर Court of Contempt लगाया जाएगा। क्योंकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के तमाम स्कूल अभी भी ऐसे हैं जो सब कुछ जानकर भी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं। और इसके संकेत जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.धर्मवीर सिंह ने पहले ही दे दिये थे।
नोएडा के सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि स्कूलों को 15% फीस फौरी तौर पर वापस कर देनी चाहिए। क्योंकि ये निर्देश हाईकोर्ट का है। और निर्देश का पालन ना करना..कोर्ट की अवमानना है।
दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 17 अप्रैल तक स्कूलों को समय दिया था..साथ ही ये भी ये भी कहा था कि अगर इस तिथि तक स्कूल विद्यार्थियों की फीस वापस कर इसकी सूचना विभाग को नहीं देते हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.धर्मवीर सिंह के मुताबिक इस मामले में सभी संबंधित स्कूलों को इनकी पालन कराने के निर्देश दिए थे। जिसकी नाफरमानी पर स्कूलों को नोटिस जारी करने शुरू कर दिए गए हैं। बाकी बचे स्कूलों को भी नोटिस जारी किया जा रहा है। उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में अध्ययनरत विद्यार्थियों की फीस का 15 प्रतिशत विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में स्थानांतरित करने दिया था। इसके अनुपालन के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 8 अप्रैल 2023 तक का समय दिया था। लगातार अभिभावकों की शिकायत आ रही थी कि स्कूल इन आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य के सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह कोरोना की अवधि के दौरान साल 2020-21 में कुल जितनी भी फीस वसूली है, उनमें से 15 फीसदी शुल्क में छूट दें। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला अभिभावकों की ओर से कोरोना काल में वसूली गई फीस को नियमित करने संबंधी दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुनाया है।