Delhi-मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी और जरूरी खबर

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Delhi-Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी और जरूरी खबर सामने आई है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हर रात ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) लग जाता है। जो भारत का सबसे बड़ा कंट्रोल-एक्सेस (Control-Access) वाला एक्सप्रेसवे (Expressway) है, जो 96 किलोमीटर में फैला हुआ है। पढ़िए पूरी खबर…
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह असुविधा रात 9 बजे से 11 बजे के बीच होती है, जब दिल्ली की ओर जाने वाले यात्री खुद को सीमित या बंद सड़कों पर पाते हैं। क्योंकि यूपी गेट (Ghazipur) बॉर्डर पर स्थित टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार के कारण रास्ता रुक जाता है।

इन वाहनों, खासकर ट्रकों से ट्रैफिक (Traffic) का फ्लो बहुत बाधित होता है। जो खोड़ा अंडरपास तक और उससे भी आगे तक फैले हुए फ्लाईओवर तक खड़े होते हैं। एक्सप्रेसवे पर 3 लेन और उसके बगल में NH-9 पर चार लेन होने के बावजूद, ट्रक लेन की चौड़ाई का कम से कम आधा हिस्सा घेर लेते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम लग जाता है।

सुबह 7 बजे से रात 11 बजे के बीच दिल्ली में प्रवेश करना वर्जित

ट्रकों का यह जमावड़ा आखिरकार आधी रात तक कम हो जाता है। लेकिन सुबह होते ही यह स्थिति फिर बिगड़ जाती है। रात में होने वाली इस दुर्दशा का कारण दिल्ली (Delhi) में व्यावसायिक माल वाहनों की एंट्री पर लगा प्रतिबंध है। इन वाहनों का शाम 5 बजे से रात 11 बजे और सुबह 7 बजे से रात 11 बजे के बीच दिल्ली में प्रवेश करना वर्जित है।

इसकी वजह से , जल्दी पहुंचने वाले ट्रक और अन्य परिवहन वाहन सीमा पार करने से पहले ही एक्सप्रेसवे पर रुक जाते हैं। और इंतजार के समय का इस्तेमाल भोजन या आराम के लिए करते हैं।

कानून लागू करने वाले या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority) की ओर से कोई दखल नहीं दिए जाने से यह आदत महीनों से चली आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिम का सामान दिल्ली ले जा रहे मोहम्मद अख्तर ने बताया कि वह जाने से पहले आमतौर पर वाहनों के नो-एंट्री बैन हटने का इंतजार करते हैं।

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वाहनों के प्रवेश प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना

इसी तरह, अजय यादव ने भी रात 11 बजे से पहले दिल्ली पहुंचने का जोखिम न उठाने की इच्छा जताई ताकि भारी जुर्माने से बचा जा सके। अजय ने बताया कि वाहन के साइज के आधार पर, वाहनों के प्रवेश प्रतिबंध का उल्लंघन करने का जुर्माना 10,000 रुपये से 40,000 रुपये के बीच है।

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सिर्फ सामान ले जाने वाले ट्रकों के अलावा, लोगों को ले जाने वाले ट्रक- जिनमें महिलाएं और बच्चे भी होते हैं- दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने की उम्मीद में सीमा पर कतार लगा लेते हैं। ट्रक संघ के अधिकारियों ने समस्या को स्वीकार किया और इस बात से सहमत हुए कि ट्रक पार्किंग एक्सप्रेसवे (Truck Parking Expressway) पर यातायात में देरी और भीड़ को बढ़ा देता है। उन्होंने यातायात जाम और रास्ते में देरी जैसी अप्रत्याशित घटनाओं के कारण आने के अलग-अलग समय का जिक्र किया।

लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि उनकी योजना ट्रक ड्राइवरों को सलाह देने की है कि वे बंद के दौरान सीमा से दूर रहें। जबकि एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर धीरज सिंह (Dheeraj Singh) ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा सख्ती से लागू करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जहां अधिकार क्षेत्र संबंधी चिंताएं प्रक्रिया में बाधा डालती हैं।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) के प्रभावित हिस्से के लिए गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) जिम्मेदार है, जिनका दायित्व यातायात प्रवाह को बनाए रखना है। लेकिन, अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। जिसे व्यस्त सड़कों के बीच में दुकान लगाने और गाड़ी खड़ी करने वाले और खराब कर देते हैं। हालांकि दिल्ली और गाजियाबाद पुलिस विभाग यूपी गेट इलाके में संयुक्त रूप से अधिकार रखते हैं। फिर भी भीड़भाड़ वाली जगहों को हटाने में कारगर कार्रवाई का अभाव है।

अतिरिक्त डीसीपी (यातायात) गाजियाबाद विरेंद्र कुमार (Virendra Kumar) ने समस्या को स्वीकार किया और चीजों को बेहतर बनाने के लिए उचित कार्रवाई का वादा किया।