Noida-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने से पहले यह जरूरी खबर पढ़ें
Noida News: अगर आप भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने का सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि इन दिनों फ्लैट और प्लॉट बेचने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। ताजा मामला सामने आया है नोएडा के सेक्टर-70 की पेन ओएसिस सोसायटी (Penn Oasis Society) से। जहां नियमों को ताक पर रखकर सुनियोजित तरीके से फ्लैट खरीदारों (Flat Buyers) को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग-प्लानिंग विभाग (Group Housing-Planning Department) को इस मामले की पूरी जानकारी दी है, लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों ने अभी तक बिल्डर पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया। वहीं सोसायटी के 100 से ज्यादा निवासी लगातार प्राधिकरण सीईओ, चीफ आर्किटेक्ट प्लानिंग (CAP) को ई-मेल के माध्यम से इस बारे में अवगत करा रहे हैं।

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फ्लैट खरीददारों को ठगने की कोशिश
कुछ निवासी हरदिन सीईओ, एसीईओ, सीएपी से मिल रहे हैं। पूर्व कोषाध्यक्ष आरबी पांडे के मुताबिक बिल्डर का चैनल पार्टनर सेक्टर-70 (Sector-70) की पेन ओएसिस सोसायटी के अधूरे छह मंजिला टी टावर को खरीदारों से बुकिंग लेकर बेचने की कोशिश कर रहा है, जिसके लिए कई बार पर्चे बांटी जा चुकी है। स्वीकृत मानचित्र (Approved Maps) में कुल 19 टावर थे, जिसमें 2 लाख 5 हजार वर्गमीटर का एफएआर लिया जाना था, लेकिन 18 टावर में 2 लाख 6 हजार वर्गमीटर निर्माण का ओसी लिया गया है।
अब 19वें टावर को अवैध रूप से बनाने का प्रयास किया जा रहा है। 19वें टावर की ऊंचाई तो 18 मंजिल ही थी, लेकिन इसका ब्रोशर 32 मंजिल का टावर बताकर लांच किया गया है। निवासी सुनील कुमार के अनुसार टी टावर में 3 बीएचके प्लस स्टडी फ्लैट के लिए पर्चे बांटे गए हैं।

बिल्डर के प्रतिनिधि एच 103 और 104 में बैठकर पूरा नक्शा बनाकर काम चला रहे हैं, वहीं टावर का नक्शा भी स्वीकृत नहीं है और न ही टावर का रेरा में रजिस्ट्रेशन हुआ है।
रेरा टी टावर को द ओएसिस नाम से नई कंपनी के रूप में रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास कर रही है। बिल्डर प्रतिनिधि सुरजीत चौहान (Project Development) ने बताया कि मैंने रहवासियों को स्पष्ट कर दिया है कि मैंने पर्चे नहीं बांटे, जिस व्यक्ति ने यह काम किया है, उससे संपर्क कर माफीनामा लिखवाया है, इसके साथ ही नोटिस भी चिपकाया है।

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आपत्तियों की सुनवाई के लिए प्राधिकरण ने दिल्ली में दिया
विज्ञापन एओए के पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ वर्मा के अनुसार प्राधिकरण और बिल्डर के बीच गहरी सांठगांठ है, क्योंकि बिल्डर ने प्राधिकरण में परमीसिबल फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के लिए आवेदन किया है, जिस पर आपत्तियों की सुनवाई के लिए प्राधिकरण ने दिल्ली के अखबारों में विज्ञापन भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह सब सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है, जो नियमानुसार गलत है। इस मामले की सुनवाई 10 जून को रेरा में होनी है।