Jaypee Group

Jaypee के फ्लैट खरीदारों के लिए बुरी ख़बर..पढ़िए डिटेल

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: जेपी ग्रुप के फ्लैट बार्यस (Flat Bars) के लिए बड़ी और बुरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) एरिया स्थित स्पेशल डिवेलपमेंट जोन (SDZ) परियोजना के अनुसार जेपी ग्रुप (Jaypee Group) के तरफ से 17 कंपनियों को सब-लीज (आपको बता दें कि जेपी ने अथॉरिटी से जमीन खरीदी और फिर दूसरी कंपनियों को बेच दी) किए गए ग्रुप हाउसिंग प्लॉट को यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) कैंसिल करने जा रही है। इसके लिए अथॉरिटी ने इन सभी को नोटिस भी जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने का समय दिया है। अथॉरिटी के मुताबिक 2009 में इस परियोजना के लिए जेपी ग्रुप को जमीन दी थी लेकिन 14 साल के बाद भी जेपी की इन 17 सबलेसी कंपनियों ने इन प्लॉट पर न तो कुछ निर्माण कार्य ही किया और नही कभी नक्शा पास कराने के लिए संपर्क किया। इसी के कारण अब अथॉरिटी इन्हें कैंसिल करने जा रही है।
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आपको बता दें कि सेक्टर 25 में यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने जेपी असोसिएट्स (JP Associates) को एसडीजेड परियोजना के तहत एक हजार हेक्टेयर जमीन साल 2009 में आवंटत की। जिसमें लगभग 600 एकड़ जमीन पर 32 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट बनने थे। इनमें से 11 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट जेपी को खुद बनाने थे। जिसमें कुछ पर निर्माण कार्य चल भी रहा है और वहीं कुछ फंसे हुए हैं। बाकी के 19 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट के प्लॉट बिल्डर ने दूसरी कंपनियों को सब-लीज पर दे दिए गए थे।

लेकिन सब-लीज होने वाली कंपनियों में बैंक भी थे। लैंडयूज के मुताबिक इन पर ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट ही डिवेलप किया जा सकता था चाहे उसे कोई भी तैयार करे। इन 19 में से 17 ग्रुप हाउसिंग प्लॉटों की सबलेसी (जिन्हें बिल्डर ने सब-लीज किया) कंपनियों ने 14 साल में न तो इन पर कोई निर्माण कार्य करवाया और न ही कोई नक्शा पास कराया इसके साथ ही किसी दूसरे को बेचे जाने की कोई सूचना भी अथॉरिटी को नहीं दी गई।

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जवाब के लिए सप्ताह भर का समय

आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट भी एसडीजेड परियोजना का ही हिस्सा है। इसे बिल्डर ने खुद तैयार किया था लेकिन जिस जमीन पर यह बना है कि उसका पैसा जेपी असोसिएट्स ने अथॉरिटी को चुकता नहीं किया। इसके कारण इस प्लॉट को भी अथॉरिटी ने कैंसिल कर दिया है। इसे बहाल कराने के लिए अथॉरिटी और बिल्डर के बीच कोर्ट में केस चल रहा है। बहाली अभी नहीं हुई है।

यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह (Dr. Arunvir Singh) ने कहा कि एसडीजेड परियोजना में बिल्डर को एक हजार हेक्टेयर जमीन अथॉरिटी ने 2009 में आवंटित की थी। इसमें 17 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की बिल्डर ने दूसरी कंपनियों को सब-लीज पर यानी बेच दिए हैं। इस योजना के अनुसार एक तय समय में इन प्लॉट पर निर्माण होना था। अब वह डेडलाइन समाप्त हो गई है लेकिन अभी तक कोई नक्शा भी पास कराने के लिए नहीं आया है। इसी कारण अब इन्हें निरस्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। जवाब के लिए सप्ताह भर का समय दिया गया है।