Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस भव्य समारोह के मुख्य यजमान रहेंगे। और तैयारियां जोरों पर चल रही है। पढ़िए पूरी खबर…
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भव्य राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े काम (Work) तेजी से निपटाए जा रहे हैं। बीते रविवार को निर्माण समिति की 2 दिवसीय बैठक हुई। इसमें कई फैसले लिए गए। निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा है कि 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निर्माण के कार्य समय से पूरे हो जाएंगे।
बैठक में अंतरराष्ट्रीय मानक (International Standard) के मुताबिक निर्माण और व्यवस्था को लेकर मंथन किया गया है। राजकीय निर्माण निगम के साथ कई विशेषज्ञ एजेंसियों को म्यूजियम के डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। क्योंकि अब इस म्यूजियम के संचालन की सारी जिम्मेदारी मंदिर ट्रस्ट की है। इस लिए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम विकसित करने की योजना पर काम किया जाएगा।
जानिए प्रसाद का वितरण
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र (Dr. Anil Mishra) ने कहा है कि श्रद्धालुओं को दर्शन स्थल पर प्रसाद नहीं मिल पाएगा। उन्हें दर्शन के बाद लौटते समय दर्शन मार्ग के पास परकोटा से प्रसाद मिलेगा। दर्शन सुलभ और त्वरित हो सके, इसलिए प्रसाद वितरण की ऐसी व्यवस्था की गई है।
कैसे होगे रामलला के दर्शन?
मंदिर में रामलला (Ramlala) के दर्शन 30 फुट की दूरी से हो सकेंगे। श्रद्धालु पूरब दिशा से दर्शन के लिए प्रवेश करेंगे। सिंह द्वार से आगे बढ़ते ही वे रामलला के सामने होंगे। रामलला का दर्शन कर वह बाएं घूमेंगे। उसके बाद आगे पीएफसी भवन से सामान लेकर बाहर निकल जाएंगे। लेकिन कुबेर टीला जाने के लिए उनके पास अनुमति पत्र होना चाहिए।
यात्री सुविधा केंद्र में रख सकेंगे सामान
यात्री सुविधा केंद्र (PFC) का बहुमंजिली भवन करीब तैयार हो गया है। इसको जोड़ने वाले रास्ते में सामानों की चेकिंग के स्कैनर लगाने का काम 15 दिनों में पूरा हो जाएगा। 15 दिनों के अंदर पीएफसी में लाकर भी लगने शुरू हो जाएंगे। इस यात्री सुविधा केंद्र पीएफसी में यात्री अब छोटे सामानों को लेकर मंदिर के अंदर जा सकेंगे। इसमें वे अपने बैग, जूता, चप्पल आदि दर्शन के दौरान रखकर कुछ समय के लिए विश्राम भी कर सकेंगे। पीएफसी का निर्माण का बचा कार्य 20 दिनों में पूरा हो जाएगा ।
पुराने पुजारी ही संभालेंगे जिम्मेदारी
भगवान राम के अस्थाई मंदिर में कार्यरत पुजारियों (Priests) की टीम भव्य राम मंदिर में भी रामलला की पूजा और सेवा कार्य करेगी।