Ghaziabad News: गाजियाबाद में पिछले साल हर दिन शहर की सड़कों से कम से कम 5 वाहन चोरी हो गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि वाहन चोरी (Vehicle Theft) के पीछे कई संगठित गिरोह हैं। गिरफ्तार (Arrested) किए गए लोग जेल से बाहर आते हैं और फिर से कार और दोपहिया वाहन चोरी करना शुरू कर देते हैं।
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आपको बता दें कि एनसीआरबी द्वारा गाजियाबाद (Ghaziabad) को लेकर एक डेटा जारी किया गया। डेटा के मुताबिक गाजियाबाद में पिछले साल हर दिन शहर की सड़कों से कम से कम 5 वाहन चोरी हो गए। एनसीआरबी डेटा (NCRB Data) से पता चला है कि चोरी हुए वाहनों की कुल संख्या पिछले साल 2,036 थी। जबकि 2021 में 2,267 थी। ऐसे मामलों में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। घरेलू चोरियां भी 149 से घटकर 144 हो गई। जिनमें से 90 प्रतिशत घटनाएं शाम ढलने के बाद हुई है।
कार चोर 2 तरह से काम करते हैं
अधिकारी ने बताया है कि ज्यादातर वाहन घरों, पार्कों और बाजारों के बाहर से चोरी होते हैं। जहां पार्किंग (Parking) अवैध है। निवासियों को निर्देशित क्षेत्रों में पार्क करना सीखना चाहिए। उनके वाहनों की सुरक्षा के लिए कोई मौजूद होना चाहिए। कार चोर 2 तरह से काम करते हैं। वे किसी की मांग पर कार उठाते हैं या उसके पार्ट्स के लिए कार चुराते हैं। अगर वे केवल पार्ट्स के लिए चोरी करते हैं, तो वे कार को स्क्रैप डीलरों को बेच देते हैं।
पुलिस ने 62 के खिलाफ कार्यवाही की
पुलिस ने बताया है कि चोरी के वाहनों को ठिकाने लगाने के लिए चोरों को बस कुछ ही घंटों की जरूरत होती है। वे अकसर उन्हें सोतीगंज (मेरठ), गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों में एक यार्ड में ले जाते हैं। जहां कुछ ही समय में कारों को नष्ट कर दिया जाता है। जिससे उनका पता लगाने का कोई मौका नहीं मिलता है।
वहीं जुलाई 2021 में पुलिस ने सतीगंज कबाड़खाने (Junkyard) में कई दुकानों पर छापा मारा और बिना नंबर के कई इंजन और कई अन्य महंगे वाहन पार्ट्स पाए गए। पूछताछ की गई तो कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और पुलिस ने 62 के खिलाफ गैंगस्टर (Gangster) और गुंडा एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
चोर भी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे
पुलिस ने बताया है कि वाहन चोर भी अपने फायदे के लिए तकनीक (Technique) का इस्तेमाल कर रहे हैं। सितंबर 2023 में पुलिस ने कारों को सुरक्षित करने वाले डिजिटल कोड को हैक करने और उन्हें चुराने के लिए हाई-टेक उपकरणों का उपयोग करने वाले एक गिरोह के 2 लोगों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों ने ईसीएम (इंजन कंट्रोल मॉड्यूल) को बायपास करने वाले उपकरण ऑनलाइन या वर्कशॉप से 30 हजार रुपये से लेकर लाखों रुपये में खरीदे। आमतौर पर ऑटो मैकेनिक गलती से लॉक हुई कारों को अनलॉक करने, इंजन को फिर से शुरू करने और अलार्म सिस्टम को ठीक करने के लिए उपकरणों का उपयोग करते हैं।
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