Supertech की फिर बढ़ी मुश्किलें, हजारों फ्लैट बायर्स का क्या होगा
Noida News: नोएडा में स्थित सुपरटेक (Supertech) ग्रुप से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि सुपरटेक ग्रुप की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने सुपरटेक ग्रुप की एक और कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर अंतरिम समाधान पेशेवर यानी IRP की नियुक्ति भी कर दी है। आपको बता दें कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में गोल्फ कंट्री प्रोजेक्ट बनाने वाली सुपरटेक टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। इस कंपनी के खिलाफ पंजाब एंड सिंध बैंक की तरफ से कोर्ट में अपील दायर की गई थी। आपको बता दें कि इस बैंक का कंपनी पर 216 करोड़ से भी ज्यादा का बकाया है।
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पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab And Sind Bank) की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने सुपरटेक की इस कंपनी का 18 मार्च 2013 को 140 करोड़ रुपये का लोन पास किया था। ग्रुप हाउसिंग (Group Housing) का यह प्रोजेक्ट गोल्फ कंट्री प्लॉट नंबर टीएस-5 सेक्टर-22डी यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर था। इस लोन की कंपनी ने किस्त नहीं जमा की और 30 जून 2023 तक बैंक का बकाया बढ़कर 216 करोड़ 90 लाख 87 हजार रुपये पहुंच गया है। इस मामले में कंपनी को बैंक की तरफ से कई नोटिस भी भेजे गए।
इस मामले में सुनवाई करते हुए एनसीएलटी ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर आईआरपी की नियुक्ति की है। इस कंपनी पर आईआरपी के रूप में उमेश सिंघल को नियुक्त कर दिया गया है।
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इस प्रोजेक्ट की भी हो रही जांच
आपको बता दें कि यमुना प्राधिकरण की 26 जून को हुई बोर्ड बैठक में इसी प्रोजेक्ट के प्लॉट कैंसिल करने का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसको लेकर बाद में विवाद हो गया था। आरोप लगा था कि अधिकारियों ने तथ्य को छिपाकर इसके प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में उठाया, जबकि यह मामला हाईकोर्ट में पेडिंग है। इस मामले में प्राधिकरण के विधि और ग्रुप हाउसिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जांच हो रही है। सुपरटेक के इस प्रोजेक्ट में लगभग 3200 खरीदार हैं। और यमुना प्राधिकरण का सुपरटेक पर 677 करोड़ से अधिक का का बकाया हो गया है।
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सुपरटेक रियलटर्स के खिलाफ भी हुई कार्रवाई
सुपरटेक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक महीने पहले ही दिवालिया घोषित होने की कार्रवाई शुरू हुई है। इसी कंपनी द्वारा सुपरनोवा प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। यह एनसीआर का सबसे ऊंचा प्रोजेक्ट है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की याचिका पर कंपनी दिवालिया घोषित हुई थी। बैंक का बिल्डर कंपनी पर 168 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। इस परियोजना पर लीज रेंट और अन्य मद में नोएडा प्राधिकरण का बिल्डर पर 2100 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। बकाया नहीं देने से करीब तीन साल से इस परियोजना में रजिस्ट्री समेत अन्य प्रक्रिया रूकी हुई हैं।
अधूरी परियोजनाओं की तैयार हो रही रिपोर्ट
आपको बता दें कि सुपरटेक की अधूरी 14 परियोजनाओं को पूरा करने का जिम्मा एनबीसीसी ने उठाया है। उसने सभी प्रोजेक्टों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। एनबीसीसी ने एनसीएलटी के निर्देश पर यह रिपोर्ट बनानी शुरू की है। इसका प्रस्ताव ईको विलेज-2 के फ्लैट बायर्स ने रखा था। सुपरटेक पर नियुक्त आईआरपी हितेश गोयल ने कहा कि एनसीएलटी में ईको विलेज-2 के खरीदारों की ओर से प्रस्ताव दिया गया था कि वह उनके अधूरे प्रोजेक्ट एनबीसीसी के माध्यम से पूरे कराएं। इसके बाद एनबीसीसी ने रिपोर्ट तैयार करनी शुरू की।
जमीन विवाद के अटकी परियोजना-आर. के अरोड़ा
सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर के अरोड़ा (R. K Arora) ने इसको लेकर कहा कि यह परियोजना यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में है। जमीन विवाद होने के कारण प्रोजेक्ट के पूरा होने में देरी हुई। उन्हें इस प्रोजेक्ट की पूरी जमीन पर कब्जा नहीं मिला है। इस फैसले के खिलाफ वह एनसीएलएटी में अपील भी करेंगे। इसके साथ ही यमुना प्राधिकरण की नीति के मुताबिक वह इस प्रोजेक्ट में सह-विकासकर्ता को आमंत्रित कर बैंकों के साथ समझौते के प्रयास में लगे हैं। उनकी मंशा है कि वह इस प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा कर खरीदारों को उनके घर उपलब्ध करा सकें।
इनको दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया जारी
सुपरटेक रियलटर्स
सुपरटेक लिमिटेड
सुपरटेक टाउनशिप