Chandigarh PGI News: चंडीगढ़ पीजीआई के नेहरू अस्पताल (Nehru Hospital) के सी ब्लॉक में पिछले वर्ष अक्टूबर में भयंकर आग लगी थी। और इसके लाखों रुपए का नुकसान हो गया था। वहीं मरीजों (Patients) और उनके तीमारदारों तथा स्टाफ की जान भी खतरे में आ गई थी। ऐसे में अब पीजीआई नेहरू अस्पताल बिल्डिंग की संवेदनशील जगहों पर एडवांस्ड ऐड्रेसेबल फायर अलार्म सिस्टम (Alarm System) लगाने जा रहा है। इसके लिए बकायदा 2.20 करोड़ का टेंडर (Tender) जारी किया गया है। पढ़िए पूरी खबर…
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अब पीजीआई (PGI) के नेहरू अस्पताल बिल्डिंग की संवेदनशील जगहों पर एडवांस्ड ऐड्रेसेबल फायर अलार्म सिस्टम (Advanced Addressable Fire Alarm System) लगाने जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक फायर रेजिस्टेंट-केबल्स, इंटेलिजेंट फोटो-थर्मल डिटेक्टर और इवेक्युएशन अलर्ट डिवाइस इस सिस्टम डिटेक्टर के मुख्य अंग होंगे।
यह लगातार फोटोइलेक्ट्रिक तथा हीट सेंसर (Heat Sensor) के जरिए मॉनिटरिंग करेंगे। वहीं यदि हीट की मात्रा बढ़ेगी तो अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। इस सिस्टम में एक फायर अलार्म आइसोलेटर भी होगा जो शॉर्ट सर्किट होने की स्थिति में व्यापक एरिया को ड्रॉपिंग आउट से बचाएगा।
लाइट फ्लैश होगी जो दूर से भी देखी जा सकेगी
इस फायर सेफ्टी सिस्टम (Fire Safety System) का महत्वपूर्ण अंग हॉर्न्स-कम-स्ट्रॉब होगा जो इवेक्युएशन अलर्ट का काम करेगा। स्ट्रोब्स एक सेकेंडरी अलर्ट के रूप में काम करेगा। जिसके जरिए लाइट फ्लैश (Light Flash) होगी जो काफी दूर से भी देखी जा सकेगी। हॉर्न स्ट्रोब्स में ऑडिबल तथा विजुअल अलार्म होगा जो बिल्डिंग में मौजूद लोगों को बाहर निकलने को लेकर अलर्ट जारी होगा।
3 तरह की साउंड होंगी
हॉर्न्स-कम-स्ट्रॉब (Horns-cum-Strawbe) में 3 तरह की साउंड सेटिंग होगी जिसमें एंबुलेंस, फायर ट्रक तथा पुलिस कार का सायरन होगा। जिससे इस अलर्ट को प्रभावी बनाया जा सके। वहीं आग लगने की घटना से पहले और बाद में सर्किट इंटीग्रिटी को सुनिश्चित करने के लिए बिल्डिंग की संवेदनशील जगहों पर फायर सर्वाइवल केबल्स लगाई जाएगी। यह इतनी शक्तिशाली होंगी कि 2 से 3 घंटे की तेज आज और गर्मी में भी इलेक्ट्रिक ब्रेकडाउन नहीं होगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ऐड्रेसेबल मॉनिटर मॉडयूल्स (Addressable Monitor Modules) भी स्थापित कर देंने की योजना बना रहे है। इसके जरिये नॉन- ऐड्रेसेबल डिवाइस मसलन स्प्रिंकलर फ्लो स्विच या स्टैंडर्ड हीट डिटेक्टर्स को मॉनिटर किया जाएगा। और इन्हें मुख्य फायर अलार्म कंट्रोल पैनल के साथ कनेक्ट किया जाएगा।
इन सब के जरिए पीजीआई (PGI) में आग लगने की स्थिति में तुरंत इसका पता लगाकर उचित कदम उठाए जा सकेंगे। जिससे खतरा काफी कम हो जाएगा। इस विस्तृत सिस्टम में फायर रेजिस्टेंट केबल्स, इंटेलिजेंट फोटो-थर्मल डिटेक्टर तथा इवेक्युएशन अलर्ट डिवाइस अहम रूप से शामिल है।
बिल्डिंग के शीशे तोड़ने पड़े थे
पिछले साल अक्टूबर में पीजीआई (PGI) में देर रात के समय लगी इस आग ने भयंकर रूप ले लिया था। और सीढ़ियों के खाली रास्ते आग बिल्डिंग की ऊपरी मंजिलों में फैल गई थी। इससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। दमकल विभाग को पीजीआई की संबंधित बिल्डिंग के शीशे तोड़ने पड़े थे। जिससे धुंआ बाहर निकल सके और अंदर घुटन पैदा ना हो।