Punjab News: बिहार में नीतीश कुमार के साथ छोड़ने के बाद अब विपक्षी गठबंधन को फिर एक बार बड़ा झटका लग गया है। आपको बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने विपक्षी गठबंधन तोड़ते हुए अकेले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ने का ऐलान किया है। पंजाब में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के फैसले से पहले आम आदमी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में असम की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की गुरुवार को घोषणा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (Indian National Developmental Inclusive Alliance) उन्हें इन सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देगा।
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक (Sandeep Pathak) ने संवाददाता सम्मेलन में तीन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। उन्होंने आगे कहा कि डिब्रूगढ़ से मनोज धनोहर, गुवाहाटी से भावेन चौधरी और सोनितपुर से ऋषि राज को उम्मीदवार बनाया गया है।
राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि हम एक परिपक्व गठबंधन के भागीदार हैं और हमें पूरा विश्वास है कि इंडिया गठबंधन इसे मानेगा। लेकिन चुनाव जीतना सबसे महत्वपूर्ण है कि हम इन तीन सीट के लिए तुरंत तैयारी करना शुरु कर दें। पाठक ने कहा कि अब सभी चीजों में तेजी लानी चाहिए, कई महीनों से बातचीत चल रही है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। हम मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई में इंडिया गठबंधन के साथ हैं। हालांकि गठबंधन के संबंध में सारे फैसले जल्द से जल्द लेने चाहिए।
पंजाब में कांग्रेस की उम्मीदों को लगा झटका
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की उम्मीदों को लगातार झटका ही लग रहा है। पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन के आसार थे और दोनों पार्टियों ने इसके लिए पहले उत्सुकता भी दिखाई थी। लेकिन पंजाब में गठबंधन टूटने का असर दिल्ली की 7 सीटों पर भी देखने को मिल सकता है। दिल्ली में भी अगर इंडिया गठबंधन की दोनों पार्टियां साथ में चुनाव नहीं लड़ती हैं, तो बीजेपी को फायदा हो सकता है। दिल्ली की सातों सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है।
तो वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों के बीच अच्छा समन्वय है, लेकिन बीजेपी जानबूझकर गठबंधन के खिलाफ नैरेटिव फैला रही है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ऐसा कर रही है, क्योंकि वह जानती है कि जनता ‘इंडिया’ गठबंधन को पसंद कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि इंडिया के घटक दलों के बीच मतभेद की खबरों को बीजेपी जानबूझकर पैदा कर रही है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि जब चर्चा होती है, तो स्वाभाविक है कि साझेदार अधिक अवसर की मांग करेंगे और इसमें कुछ भी गलत बात नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि गठबंधन के घटक एक दूसरे के खिलाफ हैं।
कांग्रेस ने आगे कहा कि बीजेपी निराश हो रही है और उसकी कोशिशें निराशा की वजह से है। वे जो कुछ भी कर रहे हैं, वह उनकी असुरक्षा को दिखाता है। वे खुद जानते हैं कि उनकी स्थिति मजबूत नहीं है। वे जानते हैं कि जनता, किसान और युवा उनसे खुश नहीं हैं। वे इस विमर्श के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि कोई विकल्प नहीं है। लेकिन वे खुद भी जानते हैं कि इंडिया असली संगठन है और जनता इसे पसंद कर रही है।