Punjab News: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पंजाब में पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि पंजाब में पंचायत चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। वहीं सभी जिलों को अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) तैयार करने के आदेश दिए गए है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि इस संबंध में राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) की ओर से सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पत्र लिखा गया है। उन्हें अंतिम मतदाता सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने गांवों के वार्ड विभाजन और आरक्षण को लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिए थे।
पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें
राज्य में इस साल दिसंबर के अंत में पंचायतों (Panchayats) का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया है। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया। लेकिन अब चुनाव हो चुके हैं।
ऐसे में सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई की है। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषदें हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं।
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एक्ट के हिसाब से चुनाव हुए जरूरी
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुनकर भेजे गए हैं।
इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) पहुंच गया था। इसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था। सूत्रों की मानें तो अगस्त के मध्य में पंचायत चुनावों की आचार संहिता लग सकती है। पंचायत राज्य एक्ट के मुताबिक पंचायतों का कार्यकाल पांच साल है। साथ ही कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव जरूरी है। जबकि ज्यादा मामला लटकाया तो लोग फिर से कोर्ट चले जाएंगे।
पंचायत चुनाव में राजनीतिक दलों की होगी परीक्षा
पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) राजनीतिक दलों के लिए भी किसी परीक्षा से कम नहीं है। इन चुनावों में फिर से राजनीतिक दल अपनी खोई हुई जमीन तलाशने की कोशिश करेंगे। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के लिए यह चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं होगी। ऐसे में सभी दल तैयारी से लग गए है।