Pune: महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है। आपको बता दें कि पुणे में एक नाबालिग ने कार ड्राइविंग (Driving) के दौरान दो इंजीनियरों की जान चली गई। इस हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अस्पताल में इलाज के दौरान उसके साथी ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने कार ड्राइवर के खिलाफ येरवडा पुलिस स्टेशन (Yerawada Police Station) में केस दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे कोर्ट ने जमानत दे दी। इस दौरान कोर्ट ने उसे घटना पर निबंध लिखने की सजा दी।
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एक खबर के मुताबिक नाबालिग का संबंध पुणे (Pune) के मशहूर बिल्डर से हैं। इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई है। दोनों राजस्थान (Rajasthan) के हैं। यह एक्सीडेंट देर रात लगभग 2.30 बजे हुआ था। हादसे के बाद आरोपी ने भागने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ ने उसकी जमकर पिटाई कर दी और फिर पुलिस को सौंप दिया।
इस हाई प्रोफाइल कार हादसे के आरोपी को जिला अदालत ने 14 घंटे के अंदर जमानत दे दी थी। लेकिन आरोपी नाबालिग था इसलिए उसे पुणे की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया था।
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इन शर्तों पर कोर्ट से मिली आरोपी को जमानत
आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक कांस्टेबलों के साथ ट्रैफिक पुलिस की सहायता करनी होगी।
आरोपी को मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा।
अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करनी होगी।
कोर्ट ने आरोपी को सजा के तौर पर ‘सड़क दुर्घटना के प्रभाव और उनके समाधान’ विषय पर कम से कम 300 शब्दों पर निबंध लिखने का आदेश दिया है।
जानकारी सूचना के अनुसार इस घटना में जिन दो लोगों की मौत हुई है वो राजस्थान के रहने वाले हैं और नजदीकी पब से पार्टी करके लौट रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मैं रिक्शा लेकर खड़ा था। लड़का-लड़की बाइक से थे और रोड क्रॉस कर रहे थे तभी अचानक पॉर्श कार (Porsche Car) फुल स्पीड में आई और उसने दोनों से टकरा गई। लड़की हवा में 10 फीट तक उछल गई और लड़के की पसलियां टूटने के कारण वह हिल नहीं पा रहा था। पोर्श कार में तीन लड़के थे। उनमें से एक भाग निकला। बाद में पुलिस आई और सभी को हिरासत में लिया। तीनों ने शराब पी थी और कार की स्पीड लगभग 200-240 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी।
टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही मिली जमानत
आरोपी नाबालिग के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही) के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस को शक है कि आरोपी गाड़ी चलाते समय शराब पी रहा था। इसके लिए उनके खून की जांच की गई, लेकिन इस टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी। वहीं इस मामले में आरोपी पिता विशाल अग्रवाल के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 धारा 3, 5, 199-A के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।