गुलाबी नगरी जयपुर में खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी उलटफेर? देखिए आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

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AajTak Jaipur News: राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी (Pink City) के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर जयपुर जहां हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी यहां घूमने आते हैं। आज यानी 19 अप्रैल को मशहूर आज लोकसभा के पहले चरण में जयपुर में भी मतदान हो रहा है। सुबह से मतदान केन्द्रों पर मतदाता की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। जयपुर (Jaipur) राजस्थान (Rajasthan) के सबसे बड़े शहर के साथ सबसे बड़े लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रो में से एक है। जयपुर को इसकी इमारतों की प्रमुख रंग योजना के कारण ‘पिंक सिटी’ के नाम से जाना जाता है।

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यही वजह है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही आजतक की टीम दर्शकों का चुनावी मिज़ाज़ जानने के लिए जयपुर पहुंच गई। जहां ढोल-नगाड़े से स्वागत किया गया। उसके बाद सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। ताकि वहां की जनता के मूड को समझा जा सके। ये भी समझा जा सके कि इस बार जनता किसके साथ है और उनके मुद्दे क्या हैं।

जयपुर में दो सीटें हैं। एक जयपुर शहर और दूसरा जयपुर ग्रामीण। जयपुर शहर से बीजेपी के दिग्गज नेता भंवरलाल शर्मा के परिवार से मंजू शर्मा चुनावी मैदान में हैं।
जबकि जयपुर ग्रामीण में कांग्रेस से अनिल चोपड़ा जबकि बीजेपी से राव राजेंद्र सिंह अनिल चोपड़ा के सामने मैंदान में हैं। पुराने नेता हैं। उनका बड़ा वोट बैंक है।

सवालों के दौर में बीजेपी समर्थक इस बार भी जयपुर से पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त दिखी वहीं कांग्रेस समर्थक का कहना था कि इस बार जयपुर में बदलाव होने जा रहा है। बेरोजगारी से जनता परेशान है, कांग्रेस सरकार को लाने के लिए जनता आतुर है।

जयपुर में जब आजतक की टीम ने अपने हेलिकॉप्टर शॉट की शुरुआत की तो जनता के अलग अलग मुद्दे सामने आए। एक धड़ा फिर से बीजेपी की सरकार बनते देखना चाहता है तो दूसरा धड़ा इस बार परिवर्तन के नारे लगाता दिखा।

जयपुर का राजनीतिक समीकरण

जयपुर की स्थापना 1727 में आमेर के शासक कच्छवा राजपूत शासक जय सिंह द्वितीय ने की थी, जिनके नाम पर शहर का नाम पड़ा। यह शहर राजस्थान पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यहां के पर्यटक स्थलों में हवा महल, नाहरगढ़ किला, आमेर (आंबेर किला), सिटी पैलेस, जंतर मंतर, जयगढ़ किला, जल महल, अल्बर्ट हॉल, संग्रहालय प्रमुख है। आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट जब जयपुर में चला तो नेताओं और जनता ने अपनी क्या राय रखी चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। इससे पहले हम आपको जयपुर सीट के इतिहास के बारें में बता देंते हैं।

आपको बता दें कि जयपुर लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही कांग्रेस के खिलाफ राजनीति का गढ़ रहा है। देश को आजादी मिलने के बाद राजा-रजवाड़ों का राजतंत्र खत्म हुआ लोकतंत्र लागू हुआ। ऐसे में राजपुताना गौरव के केंद्र राजस्थान में राजपूत समाज कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हुआ। कांग्रेस के खिलाफ होने वाली इस लामबंदी का नेतृत्व जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी ने किया। उन्होंने स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की जिसे जनसंघ और आरएसएस का समर्थन मिला।

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आजादी के बाद जयपुर सीट पर 2014 तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव और 1 उपचुनाव में कांग्रेस महज 4 बार ही यह सीट अपने नाम कर पाई, जबकि 7 बार बीजेपी का कब्जा रहा। 3 बार स्वतंत्र पार्टी, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय ने इस सीट को जीतने में सफलता पाई। लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक बार हार का सामना करना पड़ा है।
इस सीट पर 1989 से 2004 तक इस सीट पर लगातार 6 बार बीजेपी के गिरधारी लाल भार्गव ने जीत का परचम लहराया। 2009 में कांग्रेस के महेश जोशी ने बीजेपी के कद्दावर नेता घनश्याम तिवाड़ी को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर किया था। लेकिन 2014 की मोदी लहर में बीजेपी के रामचरण बोहरा ने जोशी को 5 लाख वोटों भारी अंतर से हराकर जयपुर में एकबार फिर बीजेपी का झंडा बुलंद किया।
2019 चुनाव में इस सीट से बीजेपी के रामचरण बोहरा जीते थे उन्होंने कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल हराया था। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि गुलाबी नगर पर किसका कब्जा होता है।