Noida-ग्रेटर नोएडा..हाईराइज़ सोसायटी में लोगों की दहशत की वजह जानिए

गाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: दिल्ली-एनसीआर की हाईराइज़ सोसायटी में रहने वाले लोगों को पिछले कुछ समय से एक डर बहुत सता रहा है। और यह डर हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर की हाईराइज़ सोसायटियों में लाखों लोग रहते हैं। हाईराइज़ सोसायटियों (High Rise Societies) में सारी सुख सुविधाएं तो मौजूद होती हैं लेकिन फिर भी यहां रहने वाले लोग काफी परेशान हैं। दरअसल सोसायटी के लोग अवारा कुत्तों (Stray Dog) के आतंक की दहशत में जीने को मजबूर हैं। सोसायटी के अंदर भी अवारा कुत्तों का कहर है।
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आवारा कुत्तों के डर से लोगों का सोसायटी के लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है। आए दिन सोसायटी के अंदर भी स्ट्रे डॉग (Stray Dog) आ जाते हैं। ऐसे में लोगों का डर और भी ज्यादा बढ़ जा रहा है। एक मीडिया एजेंसी से बातचीत में नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन के सचिव प्रोफेसर राजेश सहाय ने कहा कि नोएडा की ऊंची इमारतों में रहने वाले रेजिडेंट्स स्ट्रे डॉग के चलते काफी डर में हैं। यहां खूंखार कुत्ते कभी भी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं।

पिछले एक साल में 30 लोग डॉग बाइट का शिकार हो चुके हैं। जिनमें 8 से 10 छोटे बच्चे भी शामिल हैं। नोएडा में करोड़ों रुपये खर्च करके फ्लैट खरीदने वाले लोग स्ट्रे डॉग के डर के साए में घर से बाहर निकल रहे हैं। सहाय ने आगे कहा कि नोएडा प्राधिकरण को स्ट्रे डॉग की समस्या के बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। उनका कहना है कि स्ट्रे डॉग को पकड़ने वाले एनजीओ (NGO) और डॉक्टरों की टीम को नोएडा प्राधिकरण से पेमेंट नहीं मिल रहा है। इसके कारण स्ट्रे डॉग को पकड़ने का काम बंद है। सोसायटी के लोग कुत्तों का शिकार बन रहे हैं। उनका कहना है कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) को रेजिडेंट्स की समस्या पर ध्यान देना होगा, वरना लोगों की जीना मुश्किल हो जाएगा।

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मेघदूतम पार्क में कुत्तों का आतंक

सहाय ने आगे कहा कि नोएडा सेक्टर-50 में 21 सोसायटियां मौजूद हैं। यहां एक मेघदूतम पार्क है। इस पार्क के आसपास 10 से 15 स्ट्रे डॉग का जमावड़ा दिनभर रहता है। ऐसे में पार्क जाने वाले लोगों को काफी डर लगता है। उन्होंने कहा कि नोएडा में स्ट्रीट नॉन वेज फूड स्टॉल की संख्या काफी ज्यादा है। इन स्टॉल के आसपास स्ट्रे डॉग देखे जा सकते हैं। यह स्ट्रे डॉग अचानक लोगों पर हमला कर देते हैं। उन्होंने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 205 सोसायटियां हैं। नोएडा सेक्टर-76, 77, 75, 78,79 में सबसे ज्यादा स्ट्रे डॉग हैं।

सोसायटियों के अंदर घुस जाते हैं स्ट्रे डॉग

फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन के फाउंडर आलोक कुमार ने मीडिया एजेंसी से बातचीत में बताया कि गाजियाबाद में 250 से ज्यादा सोसायटियां है। ज्यादातर सोसायटी के अंदर आए दिन स्ट्रे डॉग आ जाते हैं। स्ट्रे डॉग से बच्चों के बीच काफी दहशत देखने को मिलती हैं। सोसायटियों में पिछले एक साल में 50 से ज्यादा एफआईआई डॉग बाइट के मामलों से सामने आई थीं। स्ट्रे डॉग की समस्या को लेकर आरटीआई भी फाइल की जा चुकी है। लेकिन कोई संतुष्टिजनक जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। वह बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि स्ट्रे डॉग को उनकी जगह से नहीं हटाया जा सकता है। सरकार स्ट्रे डॉग के रख रखाव के लिए खर्च तो कर रही है लेकिन लोकल प्रशासन की ओर से कोई ऐक्शन नहीं लिया जाता है। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

दिल्ली में डॉग बाइट के मामलों में लगातार वृद्धि

बात करें राजधानी दिल्ली (Delhi) की तो यहां दिल्ली में डॉग बाइट के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। साल 2023 में एमसीडी के बड़े हॉस्पिटल्स के साथ ही अलग-अलग इलाकों में बने स्वास्थ्य केंद्रों में डॉग बाइट के 54,395 मामले दर्ज हुए। एमसीडी के हेल्थ विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो डॉग बाइट के सबसे ज्यादा मामले साउथ दिल्ली से सामने आए हैं। बंदर और बिल्लियों के काटने के मामलों में भी वृद्धि हुई है। डॉग बाइट के मामले में शाहदारा स्थित पॉलीक्लीनिक सबसे टॉप पर है। यहां पिछले साल डॉग बाइट के 13985 मामले आए थे।

जानिए क्या कहता है कानून

कानून के अनुसार, किसी स्ट्रे डॉग को उसकी जगह से हटा नहीं सकते हैं, यानी उसे किसी सोसाइटी या फिर मोहल्ले से ऐसे ही नहीं हटाया जा सकता है। धारा 428 और 429 के तहत आवारा कुत्तों को मारना अपराध की श्रेणी में आता है। अगर कोई आवारा कुत्तों को मारने या परेशान करने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत पुलिस में भी की जा सकती है। ऐसे जानवरों को मारने या फिर जहर देने के लिए आपको पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है, वहीं क्रूरता के लिए तीन महीने तक जेल में काटने पड़ सकते हैं।

खतरनाक है रेबीज संक्रमण

कुत्तों के काटने से इंसान के शरीर में रेबीज का संक्रमण फैल जाता है। रेबीज संक्रमण का अब तक कोई इलाज नहीं है। संक्रमण होने पर मौत तय है। दुनिया भर में कहीं भी रेबीज (Rabies Infection) का इलाज नहीं है। लेकिन रेबीज इंजेक्शन संक्रमण से बचा सकता है। वैक्सीनेशन के बाद 100% मौत से बचने की संभावना है। एक्सपर्ट के मुताबिक डॉग्स लवर हो, आरडब्ल्यूए हो या अन्य सोसाइटी, उन्हें डॉग्स का वैक्सीनेशन (Dog Vaccination) कराना चाहिए। अगर डॉग का वैक्सीनेशन हुआ होता तो रेबीज संक्रमण के कारण से हाल ही में गाजियाबाद में 14 साल के बच्चे की मौत को रोका जा सकता था। यही नहीं, डॉक्टर ने आम लोगों से भी अपील की है कि गाइडलाइन के अनुसार अगर किसी को कुत्ता चाट भी ले तो रेबीज इंजेक्शन 24 घंटे के अंदर जरूर लेना चाहिए।

वैक्सीनेशन है बहुत जरूरी

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कुत्ता आप घर में पालते हैं या वो बाहर रहते हैं, उनका वैक्सीनेशन जरूरी है। वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है। इस संक्रमण का बचाव तो संभव है, लेकिन इसका इलाज संभव नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि मेरी डॉग्स लवर से अपील है कि वो अपने इलाके में आगे आएं और ऐसे कुत्ते का वैक्सीनेशन कराएं, जिन्हें रेबीज का वैक्सीन नहीं लगी है। एक बार वैक्सीन लग जाती है तो खतरा कम हो जाता है।