Gaziabad News: गाजियाबाद का सिटी फॉरेस्ट को लेकर अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि गाजियाबाद के सिटी फॉरेस्ट (City Forest) को नए रूप में विकसित करने की योजना है। यहां बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को तमाम सुविधाएं मिलेंगी। यहां पर एडवेंचर जोन बनाने के प्रत्येक पॉकेट में लोगों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
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बीते साल आई बाढ़ का पानी सिटी फॉरेस्ट (City Forest) में भर गया था। इसकी वजह से इसका एडवेंचर जोन (Adventure Zone) पूरी तरह खत्म चुका है। साथ ही अन्य पॉकेट की सुंदरता और दी जाने वाली सुविधाएं भी बहुत कम हो गई हैं। अब प्राधिकरण सिटी फॉरेस्ट को नए रूप में विकसित करने की तैयारी में है, जिससे यहां आने वाले लोगों को अच्ची सुविधाएं मिल सके। जीडीए के अधिकारी ने जानकारी दी कि सिटी फॉरेस्ट को नए रूप में विकसित करने के लिए योजना तैयार कराई जा रही है। जिसके तहत एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOA) के जरिये भी इसे विकसित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इसे पूरी तरह विकसित करने के लिए कितना खर्च आएगा, इसका सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
साल 2013 में बना था
जीडीए (GDA) ने साल 2013 के आसपास राजनगर एक्सटेंशन के पास करहेड़ा में सिटी फॉरेस्ट को बनाया था। लगभग 175 एकड़ के क्षेत्रफल में विकसित सिटी फॉरेस्ट को तीन चरणों में तैयार किया गया था। जहां आम, जामुन, आंवला, औषद्यि सहित अन्य प्रजातियों के एक लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।
हर पॉकेट में होगा कुछ खास
सिटी फॉरेस्ट (City Forest) में कुल 12 पॉकेट विकसित हैं। जीडीए की योजना है कि हर पॉकेट में कुछ खास हो, जिससे लोगों को यहां आने के लिए आकर्षण बढ़े। साथ ही इसके लिए प्रत्येक पॉकेट में विशेष तरीह के पौधे, आकर्षक डिजाइन के पत्थर, साइकिलिंग ट्रैक, बैठने के लिए बैंच, छोटी-छोटी झील और तालाब आदि बनाए जाएंगे।
दो साल तक अनुरक्षण भी करेगी फर्म
जीडीए (GDA) के उद्यान अधिकारी ने कहा कि पार्क को विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया में जिस फर्म का चयन किया जाएगा, वही फर्म दो साल तक इसका अनुरक्षण भी करेगी। दो साल के अंतराल में पेड़-पौधों का मेंटेनेंस का जिम्मा भी फर्म के पास ही होगा। इस पर जीडीए को अतिरिक्त पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा।
सिटी फॉरेस्ट के रखरखाव पर खर्च होंगे 3.16 करोड़
सिटी फॉरेस्ट के पॉकेट ए, बी, सी, सी-1, सी-2 के एक साल तक रखरखाव के लिए जीडीए 73 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है। इसके साथ ही पॉकेट डी, डी-1 और ई के रखरखाव पर वित्तीय वर्ष में 31 लाख रुपये खर्च किए होंगे। सिटी फॉरेस्ट में बोटिंग पोंड की स्टोन पिचिंग की मरम्मत, टॉयलेट्स, सैलानियों के बैठने के लिए बनी झोपड़ियों की मरम्मत, कार्यालय की मरम्मत और रंगाई-पुताई पर भी जीडीए दो करोड़ रुपये खर्च करेगा।