इस जानलेवा बीमारी ने ले ली दंगल गर्ल की जान..पढ़िए सूजन वाली बीमारी की डिटेल

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Suhani Bhatnagar Death: आमिर खान की फिल्म दंगल में बबीता फोगाट का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर (Actress Suhani Bhatnagar) की मौत हो गई है। एक्ट्रेस की मौत ने सभी को झकझोर दिया था। आपको बता दें कि सुहानी मात्र 19 साल की थीं। अब उनके परिवार को हिम्मत बंधाने के लिए आमिर खान (Aamir Khan) एक्ट्रेस के फरीदाबाद स्थित घर गए हैं। उन्होंने सभी से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।

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बता दें कि आमिर खान (Aamir Khan) गुरुवार को सुहानी भटनागर के घर गए। उन्होंने एक्ट्रेस के परिवार वालों से मुलाकात की। उन्हें हिम्मत बंधाई। साथ ही सुहानी की याद में उनकी फोटो फ्रेम और उनके घरवालों के साथ फोटो भी ली।

सुहानी का हो गया था एक्सीडेंट

प्राप्त जानकारी के अनुसार मौत से पहले सुहानी भटनागर का एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट से आई चोट का इलाज चल रहा था। कहते हैं कि दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण उनके शरीर में पानी भर गया जिससे उनकी मौत हो गई।

सुहानी को क्या थी बीमारी

लेकिन बाद में घर वालों ने बताया कि सुहानी डर्मेटोमायोसिटिस (Dermatomyositis) नाम की बीमारी से पीड़ित थीं। इस बीमारी की वजह से सुहानी की इम्युनिटी कमजोर हो गई थी। उन्हें हॉस्पिटल में इंफेक्शन हुआ, फेफड़े कमजोर हुए और लिक्विड जमा होने लगा। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी और यही कारण था कि उन्हें बचाया नहीं जा सका।

8 साल पहले आई थी मूवी

फिल्म दंगल साल 2016 में रिलीज हुई थी। इसका डायरेक्शन नितेश तिवारी ने किया था। स्टार कास्ट में आमिर खान, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, जायरा वसीम, सुहानी भटनागर, साक्षी तंवर, अपारशक्ति खुराना ने अहम रोल निभाया था। फिल्म में महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों बबीता फोगाट और गीता फोगाट की संघर्ष भरी कामयाबी की कहानी दिखाई गई।

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जानिए क्या है डर्मेटोमायोसिटिस


डर्मेटोमायोसिटिस, पॉलीमायोसिटिस का एक गंभीर रूप है जो इंसान के मसल्स के साथ ही उसकी स्किन पर भी अपना प्रभाव दिखाता है। यह मसल्स को कमजोर करने के साथ-साथ त्वचा पर चकत्ते भी लाता है। यह गंभीर लक्षण भी पैदा कर सकता है जो आपकी सांस लेने और निगलने की क्षमता को प्रभावित करती है।

बेंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल में रुमेटोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्वेता सिंघई ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में जानकारी दी है कि डर्माटोमायोसिटिस बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जो 1 लाख लोगों में से 2-3 को ही प्रभावित करती है। इस बीमारी की वजह का कोई पता नहीं है लेकिन यह मसल्स के वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है जो शरीर के मसल्स और अन्य टिश्यू में ऑटोएंटीबॉडी विकसित होने, जीवाणु संक्रमण होने, वैक्सीनेशन, यूवी विकिरण के कारण हो सकते हैं।
डॉ. श्वेता ने आगे बताया कि कभी-कभी कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए प्रयोग की जाने वाली स्टैटिन जैसी दवाएं भी डर्माटोमायोसिटिस के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

डर्माटोमायोसिटिस के क्या हैं लक्षण

डर्माटोमायोसिटिस में शरीर में सूजन के साथ-साथ मसल्स कमजोर कर देता है और शरीर पर दाने आ जाते हैं। शरीर पर दाने बैंगनी रंग के होते हैं जो आंखों के आसपास, गर्दन, गाल, छाती के सामने या ऊपरी पीठ पर होते हैं। कंधे, ऊपरी हाथ, हिप्स, जांघ और गर्दन के मसल्स में दर्द होने लगता है और काफी कमजोर आ जाती है। इसलिए इससे प्रभावित व्यक्ति को हाथ कंधे से ऊपर उठाने में भी काफी मुश्किल हो जाता है। जोड़ों में दर्द और सूजन, हार्ट और फेफड़ों के मसल्स में सूजन, नाखूनों की सिलवटों पर क्यूटिकल्स, ब्लड वेसिल्स में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं।

क्या है बीमारी की जांच और इलाज

डर्माटोमायोसिटिस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज को पीईटी स्कैन की जरूरत होती है। डॉक्टर मांसपेशियों के अंदर सूजन की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी, चेस्ट स्कैन और एमआइआई भी कर सकता है। वैसे तो डर्मेटोमायोसिटिस का कोई इलाज नहीं है लेकिन स्पीच थेरेपी, आईवीआईजी, इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवां, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, फिजिकल थेरेपी, एक्सरसाइज और आराम से इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं।