Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निराला एस्टेट सोसाइटी (Nirala Estate Society) में क्लब के मान पर घमासान चल रहा है। निराला एस्टेट सोसाइटी में क्लब (Club) पर कभी पुलिस तो कभी बिल्डर ताला लगा देती है। सोसायटी निवासी भारी भरकम मेंटेनेंस शुल्क (Maintenance Fee) देने के बावजूद क्लब का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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सोसाइटी निवासियों का कहना है कि निराला एस्टेट सोसाइटी (Nirala Estate Society) के फेज-1 अंतर्गत सभी टावर कई साल पहले पूरे हो गए थे। और लगभग सभी फ्लैट का हैंडओवर कई साल पहले ही हो गया था। उस समय सोसाइटी में क्लब के नाम पर एक टेम्पररी स्ट्रक्चर मुहैया कराया गया था। बिल्डर ने उस समय वादा किया था कि सोसायटी का पूर्ण रूप से क्लब फेज-2 के साथ बनाया जाएगा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
सोसाइटी में फेज-2 का निर्माण पूरा होने के साथ ही क्लब का निर्माण भी पूरा हो गया है। बिल्डर ने फेज-2 के आवंटियों से क्लब चार्ज के लिए हर महीने 500 रुपये और जीएसटी (GST) का करार किया। वहीं फेज-1 के निवासियों के साथ बिल्डर ने इस तरह का कोई करार नहीं किया हुआ है। बिल्डर द्वारा क्लब के नाम पर हर महीने 500 और जीएसटी का शुल्क मेंटेनेंस चार्ज के साथ काटे जाने के नोटिस से फेज-1 के निवासी भड़क उठे।
निवासियों का कहना है कि पहले तो 7 साल तक क्लब (Club) बनाया ही नहीं और अब जब बनाया है तो भारी भरकम मेंटेनेंस शुल्क के साथ ही 500 और क्यों चाहिए। निवासियों का तर्क है कि क्लब चलने के लिए बिल्डर जायज पैसे मांगे तो देने में कोई दिक्कत नहीं लेकिन करीब 4 हजार फ्लैट की सोसाइटी से प्रति फ्लैट रूपये 500 लेकर बिल्डर अपना मुनाफा कमाए यह सही नहीं है।
पुलिस द्वारा क्लब खोलने के बाद बिल्डर ने क्लब पर लगाया ताला
सोसाइटी में क्लब के नाम पर बवाल होता देख बिसरख कोतवाली पुलिस (Police) ने क्लब को बंद कर ताला लगा दिया। क्लब पर पुलिस द्वारा ताला लगाए जाने से नाराज सोसाइटी निवासी थाने पहुंच पुलिस के एक्शन के खिलाफ विरोध दर्ज किया तो पुलिस ने क्लब का ताला खोल दिया। परन्तु पुलिस द्वारा क्लब खोलने के बाद बिल्डर (Builder) ने क्लब पर ताला लगा कर बंद कर दिया।
निवासियों ने बिल्डर से सवाल जवाब करते हुए मेंटेनेंस शुल्क (Maintenance Fee) के खर्च का ब्यौरा और क्लब को चलाने के लिए खर्च का एस्टीमेट साझा करने और वार्ता करने के मीटिंग के लिए बोला। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने जानबूझकर मीटिंग किसी छुट्टी वाले दिन ना रख कर बीते मंगलवार को रखा जिससे कम से कम लोग आएं।
निवासियों ने ईमेल (Email) के जरिये मीटिंग शनिवार या रविवार को रखने का आग्रह किया। लेकिन बिल्डर ने अनसुना कर दिया। निवासियों का कहना है कि सभी सोसाइटी निवासियों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। निवासियों का यह भी आरोप है कि उक्त मीटिंग में गिने चुने बिल्डर समर्थित लोग ही उपस्थित हुए।
आगामी शनिवार को बिल्डर के ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी
निवासियों (Residents) की सहमति न होने के बावजूद बिल्डर ने अपने समर्थक लोगों के साथ एकपक्षीय फैसला लेते हुए क्लब को बंद रखने का निर्णय लिया है। निवासियों में इस बात से काफी रोष है और आने वाले शनिवार को बिल्डर के प्रोजेक्ट ऑफिस (Project Office) पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी है।