Lift Act: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने लिफ्ट एक्ट को विधानसभा (Assembly) से पास करा दिया है। आने वाले कुछ दिनों के अंदर में इस विधेयक की अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे प्रदेश में यह कानून लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली (Delhi) के पास में बने शहर नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद (Ghaziabad) के साथ-साथ कानपुर, वाराणसी और लखनऊ (Lucknow) जैसे शहरों में रहने वाले करोड़ों लोगों को इस नए कानून से काफी राहत मिलेगी। इस नए कानून के लागू होने से आम लोगों को बेहतर सुरक्षा, दुर्घटना होने पर मुआवजा के साथ अन्य तरह की सेवाएं मिलेंगी। बता दें कि योगी सरकार के लिफ्ट एक्ट (Lift Act) में आम उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं।
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इस विधेयक के आने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद, जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के आस-पास जगहों या फिर बुलंदशहर के आस पास बसने जा रहे न्यू नोएडा के लोगों को काफी फायदा होगा। इन जगहों के लोगों को अब मकान, दुकान, फ्लैट, सोसाइटी और मॉल में लिफ्ट में चढ़ने पर जीवन की सुरक्षा की गारंटी मिल सकेगी। अगर किसी भी तरह का कोई लिफ्ट हादसा होता है तो परिवार के लोगों को बीमा मिलेगा। आइए जानते हैं जानते हैं यूपी लिफ्ट एवं एस्केलटर विधेयक 2024 की खास बातें
इस बिल की 20 खास बातें
सोसाइटी में लगे पुरानी लिफ्ट के लिए भी यह कानून लागू होगा।
लिफ्ट संचालकों को 30 महीने के अंदर तकनीकी संसाधन एकत्र करने होंगे।
लिफ्ट और एस्कलेटर में आटो रेस्क्यू डिवाइस का प्रयोग अनिवार्य होगा।
इंमरजेंसी घंटी, पर्याप्त रोशनी, सीसीटीवी कैमरे और टेलिफोन भी अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
लिफ्ट में ऑपरेटर का नंबर और इमरजेंसी काल नंबर लिफ्ट के अंदर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखना होगा।
लिफ्ट आपरेटर को होना अनिवार्य होगा।
लिफ्ट संचालक या मालिक साल में दो बार मेंटेनेंस अगर न करांए तो लाइसेंस रद्द।
निजी और सार्वजनिक स्थलों पर लिफ्ट या एस्कलेटर इस्तेमाल करने वालों का कराना होगा बीमा।
लिफ्ट लगाने वाले बिल्डरों, मालिकों को ही कराना होगा बीमा।
हादसा होने पर मालिक को देना होगा तय मुआवजा।
मुआवजा देने में देरी होने पर सरकार उसके राजस्व की वसूली बकाये की तरह करेगी।
लिफ्ट और एस्कलेटर अधिनियम 2024 लागू होने के 6 महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य।
किसी भी तरह का हादसा होने की सूचना थाने को 24 घंटे के अंदर देनी होगी।
जिलाधिकारी के द्वारा विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराई जाएगी।
लिफ्ट लगाने में गड़बड़ी की शिकायत पर सीधे मजिस्ट्रेट नोटिस देंगे.
लिफ्ट लगाने से संबंधित अधिकारी को सूचना देनी होगी।
सार्वजनिक स्थानों लिफ्टपर लगने वाली लिफ्ट को दिव्यांगजनों के अनुकूल करना आवश्यक होगा।
लिफ्ट खराब होने की स्थिति में निर्धारित समय सीमा में ठीक नहीं किया गया तो संचालन बंद कर दिया जाएगा।
लिफ्ट लगाने से पहले राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अधिकारी को सूचना देनी होगी।
सरकारी ऑफिस और मॉल में भी यह नया कानून लागू होगा।