वास्तु शास्त्र ( Vastu Shastra) में कई ऐसी चीजों के बारे में जिक्र किया गया है जिन्हें घर के सही दिशा के लगाने पर सुख समृद्धि और संपन्नता आती है। इसके अलावा घर का वास्तुदोष भी खत्म हो जाता है। वास्तु में एक ऐसी ही चीज के बारे में बताया गया है जिसका नाम है मिरर यानी कि शीशा या दर्पण।
वास्तु के अनुसार आइना एक ऐसी वस्तु होती है जो घर में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों ही तरह की एनर्जी को लेकर के आए सकती है। लेकिन इसे यदि सही जगह पर न लगाया जाए तो जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा सही जगह पर आइना लगाने से घर में पॉजिटिविटी उत्पन्न होती है। ऐसे में जानते हैं आईने से जुड़े इन वास्तु दोष के बारे में:
घर में आइना लगाते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
- सबसे पहले तो घर में आइना लगाते समय इस बात को ध्यान में रखें कि कभी भी एक दूसरे के सामने दो आईने को एक साथ न लगाएं। इसे वास्तु में बिलकुल भी शुभ नहीं माना जाता है और इससे वास्तु दोष आते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम में आइना लगाना फलदायी नहीं होता है। वहीं, आईने में आपका बिस्तर नजर आ रहा हो तो फौरन इसे रिप्लेस कर दें। या फिर सोते समय आईने को किसी कपड़े से ढक दें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के किचन में भूल कर भी आइना नहीं लगाना चाहिए। इससे घर के सबसे सदस्यों की हेल्थ खराब हो जाती है।
- घर में कभी भी टूटा हुआ शीशा नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि वास्तु अनुसार अगर आप सुबह उठकर टूटे हुए शीशे को देखते हैं तो आपके जीवन में बहुत संघर्ष होता है।
घर के किस ओर लगाना चाहिए आइना
घर या ऑफिस की पूर्व दिशा में मेन गेट पर आइना लगाना अच्छा यानी शुभ माना जाता है। उगते हुए सूरज की किरणें आपके घर पर कृपा बनाए रखें इसलिए गोल शीशा लगा सकते हैं। वहीं, उत्तर पूर्व दिशा की ओर मिरर लगाना जीवन में हर तरह की समस्याओं को दूर कर देता है।