Ghaziabad News: गाजियाबाद से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल (Rapid Rail) जोड़ने की योजना बनाई गई है। गाजियाबाद-जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के कारण गाजियाबाद (Ghaziabad) के प्रताप विहार में 70 फ्लैट (Flat) प्रभावित होने की आशंका है। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों (People) ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पढ़िए पूरी खबर…
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गाजियाबाद के प्रताप विहार (Pratap Vihar) के सेक्टर-12 ए ब्लॉक में रहने वाले लोगों का कहना है कि रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए उनके फ्लैटों को तोड़ दिया जाएगा। इससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक नुकसान होगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार उन्हें उचित मुआवजा दे और उन्हें नए घर उपलब्ध कराए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार (Government) से मुलाकात की है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। इसलिए उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा है।
भूमि अधिग्रहण के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने रैपिड रेल (Rapid Rail) कॉरिडोर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी उचित मुआवजे के लोगों की जमीन अधिग्रहण कर रही है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारियों का कहना है कि रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जारी है। प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे।
टीम ने कहा कि इसे सर्वे की रिपोर्ट में जिक्र किया जाएगा। फिलहाल आनन-फानन में आरडब्ल्यूए के जनरल बॉडी की मीटिंग हुई। मीटिंग के निर्णय के आधार पर एनसीआरटीसी के एमडी और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ को पत्र लिखकर अपनी समस्या के बारे में बताया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार के हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स (Housing and Urban Affairs) के मंत्री को पत्र लिखा गया है। परेशान लोगों ने जीडीए के अधिकारियों से मुलाकात करके इस मसले पर बातचीत की है। लेकिन, जीडीए से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका।
250-300 परिवार होंगे प्रभावित
इस ब्लॉक (Block) के निवासियों ने बताया कि जीडीए के भूखंड पर फ्लैट और भवन का निर्माण किया गया है। इसमें करीब 70 से 80 फ्लैट और घर होंगे। 250-300 परिवारों (Families) के सामने मानवीय समस्या खड़ी हो गई है। निवासियों ने बताया कि सर्वे टीम के डॉ. एसके जैन ने साइट का निरीक्षण किया। रहने वालों से बातचीत की। गाजियाबाद को जेवर से जोड़ने वाली रैपिड मेट्रो रेल का ले-आउट प्लान/रूट दिखाया।
इसके बाद पता चला कि जहां पर भवन और फ्लैट का निर्माण हुआ, वहां से यह कॉरिडोर (Corridor) गुजर रहा है। इस क्षेत्र के निवासी पिछले लगभग 14 वर्षों से रह रहे हैं। अब पुनर्वास के जोखिम का सामना कर रहे हैं। जो उनके व्यवसाय, बच्चों की शिक्षा, वृद्ध-वरिष्ठ नागरिकों और पूरे क्षेत्र को भारी प्रभावित करेगा।
वैकल्पिक मार्ग के तलाशने की अपील
निवासियों ने बताया कि इन भूखंडों (Plots) पर कब्जेदार लंबे समय से निवास कर रहे हैं और उनके भूखंड फ्री होल्ड भी हैं। इस स्तर पर उन्हें उखाड़ने और पुनर्वास के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने अपील की है कि वैकल्पिक मार्ग अपनाकर लोगों के उजड़ने से बचाया जाए। ताकि इस क्षेत्र के निवासी प्रभावित न हों।
साथ ही कहा कि साइट योजना, लेआउट प्लान (Layout Plan) और रैपिड मेट्रो के मार्ग सहित सभी सामग्री जानकारी को पारदर्शी तरीके से जनता के सामने प्रकट किया जाए और तब तक कोई कार्रवाई शुरू न की जाए जब तक कि निवासियों की गोपनीय शिकायतों का समाधान नहीं हो जाता।