Coaching Centre Guidelines 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर्स (Coaching Centre) को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की की है। शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने नई गाइडलाइंस (New Guidelines) के जरिये कोचिंग सेंटर्स पर भ्रामक वादे करने और अच्छे नंबरों की गांरटी देने वाले वादों के लिए भी सख्ती की है। कोचिंग शिक्षकों की योग्यता, नियुक्ति, कोचिंग का फीस स्ट्रक्चर, विज्ञापनों में किए जाने वाले वादे समेत कई चीजों को नई गाइडलाइंस में बांध दिया है। नई गाइडलाइंस में सबसे बड़ा फैसला कोचिंग सेंटर्स में 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स की एंट्री बंद करना है।
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कोचिंग में एडमिशन लेने के लिए छात्र की उम्र 16 साल से ज्यादा हो या सेकेंड्री स्कूल (माध्यमिक विद्यालय) परीक्षा दे दिया हो तभी उसका कोचिंग में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इस फैसले पर खूब चर्चा हो रही है।
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The Ministry of Education’s new coaching center regulations stir concern among parents, already grappling with students’ pandemic-induced setbacks. With a potential disruption in tuition services until class 10, pivotal formative years may lack necessary support. Parents fear this could hinder academic progress, adding to the challenges students face post-COVID. The extended academic hiatus intensifies parental worries, highlighting the delicate balance needed in educational policy for both regulation and facilitating a conducive learning environment.
जानिए क्या कहा पेरेंट्स ने
आइए जानते हैं कि इस फैसले को लेकर क्या कहते हैं पेरेंट्स। पेरेंट्स ने मीडिया को बताया कि आजकल बच्चों को कोचिंग की आवश्यकता है। कुछ विषयों को पढ़ाने के लिए एक्सपर्ट्स की जरूरत तो होती ही है, तो वहीं वर्किंग पेरेंट्स के लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए वो खास समय देना जल्दी संभव नहीं होता है। अगर बच्चे अलग से कोई हेल्प ले रहे हैं तो उसमें कोई गलत बात नहीं है।
वहीं एक दूसरे पेरेंट्स का मानना है कि किसी एक उम्र (16 साल) तक बच्चों को कोचिंग ना भेजने का फैसला नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग होता है, इसके बारे में और विचार जरूर करना चाहिए, इसे और आसान किया जा सकता है। क्योंकि कई ऐसे टॉपिक्स भी होते हैं जो पेरेंट्स बच्चों को नहीं समझा सकते, उसके लिए एक्सपर्ट की आवश्यकता होती ही है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) ने ये गाइलाइन देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को देखते हुए लिया है। इनमें ज्यादातर 10वीं और 12वीं के छात्र ही शामिल होते हैं, जो हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के साथ ही साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जेईई-नीट की तैयारी करने लगते हैं। इसे देखते हुए जारी गाइडलाइंस में परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की समस्या को खत्म करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।
नहीं माना तो देनें पड़ेंगे 1 लाख रुपये का जुर्माना
केंद्र सरकार द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 (Coaching Center Regulation 2024) के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देश सुझाव देते हैं कि 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में एडमिशन नहीं दिया जाएगा। दिशानिर्देश यह भी सुझाव देते हैं कि कोचिंग सेंटरों को माता-पिता और छात्रों से भ्रामक वादे या रैंक की गारंटी नहीं दे सकते। पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना तो वहीं दूसरी बार भी अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।