शहीद उधम सिंह को पंजाब के CM भगवंत मान का नमन, ट्वीटर पर लिखा ‘पंजाब के वीर योद्धा’

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Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने शहीद उधम सिंह जी की जयंती पर नमन किया है। सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए लिखा- शहीद उधम सिंह जी, पंजाब (Punjab) की धरती के वीर योद्धा…जिन्होंने सात समंदर पार पंजाब की अदम्य वीरता की मिसाल कायम की… गुमनाम योद्धा की जयंती के अवसर पर, मैं उन्हें सलाम करता हूं…

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जानिए कौन हैं शहीद उधम सिंह

शहीद उधम सिंह (Shaheed Udham Singh) का जन्म 26 दिसंबर 1899 का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था। उधम सिंह के पिता सरदार तेहाल सिंह जम्मू उपल्ली गांव में रेलवे चौकीदार थे उधम सिंह का असली नाम शेर सिंह था। उधम सिंह का एक भाई भी था, जिसका नाम मुख्ता सिंह था। सात साल की उम्र में उधम अनाथ हो गए थे। पहले उनकी मां गुजर गईं और फिर उसके 6 साल बाद पिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। मां-बाप के मरने के बाद उधम और उनके भाई को अमृतसर के सेंट्रल खालसा अनाथालय में भेज दिया गया था।

अनाथालय में दोनों भाइयों को नया नाम मिला। शेर सिंह (Sher Singh) बन गए उधम सिंह (Udham Singh) और मुख्ता सिंह बन गए साधु सिंह। सरदार उधम सिंह ने भारतीय समाज की एकता के लिए अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था, जो भारत के तीन प्रमुख धर्मों का प्रतीक है। साल 1918 में उधम के भाई साधु की भी मौत हो गई। 1918 में उधम ने मैट्रिक के एग्जाम पास किए। साल 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया। उधम सिंह, शहीद भगत सिंह को अपना गुरु मानते थे।

1919 का जलियांवाला बाग हत्याकांड

1919 में रॉलेट एक्ट के तहत कांग्रेस के सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू को अंग्रेजों द्वारा अरेस्ट करने के बाद पंजाब के अमृतसर में हजारों की तादाद में लोग एक पार्क में इक्ठा हुए थे। इन लोगों का मकसद शांति से प्रोटेस्ट करना था। लेकिन अंग्रेजों के जनरल Reginald Dyer ने अपनी फौज के साथ उन मासूम लोगों को मार गिराया। इसमें उसका साथ उस समय पंजाब के गवर्नर रहे Michael O’Dwyer ने दिया था। इस नरसंहार को जलियांवाला बाग हत्याकांड का नाम मिला। उधम सिंह 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार के गवाह थे। इस नरसंहार को देखने के बाद उधम सिंह ने स्वतंत्रता की लड़ाई में में कूदने और Reginald Dyer और Michael O’Dwyer से बदला लेने की शपथ ली थी।

उधम सिंह ने Michael O’Dwyer की ली जान

शहीद उधम सिंह क्रांतिकारियों के साथ शामिल हुए और उनसे चंदा इकट्ठा कर देश के बाहर निकल गए। उधम सिंह के लंदन पहुंचने से पहले जनरल Reginald Dyer ब्रेन हैमरेज के चलते मौत हो गई थी। ऐसे में उन्होंने अपना पूरा ध्यान Michael O’Dwyer को मारने पर रखा था और उसे पूरा भी किया। 13 मार्च 1940 को रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हॉल में बैठक थी। वहां Michael O’Dwyer भी स्पीकर्स में से एक था। उधम सिंह उस दिन वहां समय से पहुंच गए थे। उधम ने अपनी बन्दूक को एक मोती किताब में ले गए थे। मौका लगने पर उन्होंने निशाना लगाया, दो गोलियां Michael O’Dwyer को मारी , जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई।