सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
69000 Teachers Recruitment: यूपी में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती से जुड़ी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी खबर सामने आ रही है। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती (Assistant Teacher) में नियुक्ति की मांग में दाखिल अवमानना याचिकाएं निस्तारित कर दी गई है।
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आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति की मांग में दाखिल अवमानना (Contempt Filing) याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सभी 15 याचियों को दो माह में नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याचियों को एक अंक देते हुए 2 माह के अंदर नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) जारी करने के निर्देश दिए।
इस आदेश से अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा
कोर्ट ने कहा याचिका दाखिल (Petition Filed) करने वाले सभी 2249 अभ्यर्थियों को भी इस आदेश का लाभ मिलेगा। और मेरिट तैयार कर कट ऑफ में आने पर इन 15 याचीयों के साथ अन्य अभ्यर्थियों (Candidates) को भी नियुक्ति दी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम कट ऑफ के मुताबिक याचियों को यदि कट ऑफ में आते हैं तो आज से दो माह के भीतर प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति प्रदान करें। 2 माह में नियुक्ति न दिए जाने पर याचियों को आदेश का रिकॉल कराने की छूट रहेगी।
बेसिक शिक्षा परिषद को भेजने का निर्देश दिए
हाईकोर्ट में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद (Secretary Basic Education Council) प्रताप सिंह बघेल और सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पेश हुए। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने कोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। बताया कि 26 नवंबर को उप सचिव यूपी शासन ने सचिव पीएनपी को शासनादेश भेजा है जिसमें अवमानना याचिकाओं में शामिल 15 याचियों को एक अंक देते हुए सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजने का निर्देश दिया है जिसे पीएनपी की ओर से उन्हें भेज दिया गया है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से भी व्यक्तिगत हलफनामा (Affidavit) दाखिल किया गया उन्होंने कहा कि अन्य अभ्यर्थियों को भी एक अंक देकर रिकॉर्ड 15 दिन के भीतर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेज देंगे। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को हाईकोर्ट के 25 अगस्त 2021 के डिवीजन बेंच के आदेश का अनुपालन न करने पर स्पष्टीकरण के लिए तलब किया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार (State Government) 9 नवंबर 2022 को केस हार चुकी है। उसके बावजूद भी याचियों को एक नंबर देने के आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया था। बता दें उपेंद्र कुमार दयाल, अलका दुबे एवं अन्य कई भ्यर्थियों की ओर से अवमानना याचिकाएं दाखिल की गई थी। अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल मिश्रा ने याचियों का अदालत में पक्ष। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सभी अवमानना याचिकाएं इसी निर्देश के साथ निस्तारित की।