नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
नई शिक्षा नीति के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए शुरू की गई प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना को लेकर विश्व विद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने एक पहल की है। दरअसल यूजीसी ने यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों को प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पद पर नियुक्ति के लिए प्रोत्साहित किया है।
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इसी के साथ इस मामले में प्रगति के मामले में सारी जानकारी भी मांगी है। इस योजना के तहत पूरे देश भर के विश्वविद्यालयों समेत 323 उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के रूप में छात्रों को पढ़ाने के लिए अलग अलग क्षेत्रों के 10062 विशेषज्ञों ने पंजीकरण भी करवा लिया है। इनमें इंजीनियरिंग, वाणिज्य, उद्योग, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मीडिया , साहित्य व कला के क्षेत्र में विशेषज्ञ शामिल हैं।
यूजीसी ने पिछले मई के महीने में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पंजीकरण पोर्टल भी शुरू किया था। इस पर अपने अपने कामों को स्पेशल क्षेत्र में महारत हासिल रखने वाले अनुभवी प्रोफेशनल शिक्षण संस्थानों की नियुक्ति के संबंध में अपने नियमों सहित अध्यादेशों में जरूरी परिवर्तन करने का सुझाव भी दे रखा गया है। इनकी नियुक्ति कम से कम चार सालों के लिए की जा सकती है।
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प्रोफेसर की भर्ती के लिए निकाले गए 40 से भी अधिक विज्ञापन , UGC NET, PHD की जरूरत नहीं
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस वे लोग हो सकते हैं, जो अपने मूल व्यवसाय से शिक्षक नहीं है। साथ ही इनके पास पीएचडी या यूजीसी नेट जैसी कोई भी योग्यता नहीं है। प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस स्टूडेंट्स को ऐसे सब्जेक्ट्स पढ़ाएंगे, जिसमें उनका लंबा प्रोफेशनल अनुभव होगा।