Basti News: 25 हजार रुपये का इनामी और निलंबित नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। करीब 10 दिन बाद हत्थे चढ़े आरोपी को पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी। घनश्याम शुक्ला पर एक महिला अधिकारी के आवास में घुसकर हत्या का प्रयास और दुष्कर्म की कोशिश का केस दर्ज है।
इधर पूरे मामले में राजस्व परिषद ने संज्ञान लिया है. मामले में बस्ती जिला प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई है. इस हाईप्रोफाइल मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्व परिषद ने लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब को जांच सौंपी है. बता दें कि रोशन जैकब बस्ती की DM रह चुकी हैं और यहां की कार्य प्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ भी हैं. मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी तहसीलदार के भाई नैशनल न्यूज चैनल में महत्वपूर्ण पद पर हैं।
सूत्रों के मुताबिक महिला नायब तहसीलदार मामले में बस्ती जिला प्रशासन की तरफ से आरोपी घनश्याम शुक्ला को बचाने की काफी कोशिश की गई..जिसकी वजह से बस्ती जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की भी छवि धूमिल हुई है. सूत्रों की मानें तो बस्ती जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व परिषद को भेजी गई रिपोर्ट में पीड़िता अधिकारी के चरित्र पर ही सवाल खड़े किए गए थे.
मामला तूल पकड़ने के बाद बैकफुट पर आई बस्ती पुलिस ने आनन-फानन में महिला तहसीलदार का मेडिकल कराने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया. बस्ती पुलिस ने आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ 376, 452, 323, 504, 354, 307 और 511 जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, इससे पहले बस्ती पुलिस न सिर्फ मामले को दर्ज करने में हीलाहवाली करती दिखी, बल्कि मामला दर्ज होने के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार करने से भी बचती रही.
क्या है पूरा मामला?
फरार नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर आरोप है कि, उन्होंने 11-12 नवंबर की रात बगल के आवास में रह रही महिला नायब तहसीलदार के आवास में जबरन घुसकर मारपीट और रेप का प्रयास किया था. जिसके बाद से आरोपी घनश्याम शुक्ला फरार चल रहा था लेकिन आखिरकार वो पुलिस के शिकंजे में आ ही गया।