उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
China: दुनिया में कोरोना ने अपना असर कम तो किया है लेकिन पूरी तरह से अभी तक गया नहीं है। चीन अभी भी कोरोना जैसी समस्या से उबर नहीं पाया है। इस बीच चीन में एक और रहस्यमयी बीमारी ने कहर मचा दिया है। इसे निमोनिया माना जा रहा है, लेकिन इसके बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी बाहर नहीं आई है। देश के ज्यादातर स्कूलों में इसके शिकार पाए गए हैं। इसके चलते चीन में हालात कोरोना (Coronavirus) के शुरुआती दौर जैसे हो गए हैं और बड़े पैमाने पर अस्पतालों में लोगों को भर्ती हैं। इसी महीने की शुरुआत में चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मीडिया से बताया था कि देश में सांस संबंधी बीमारी से जुड़े लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है।
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चीनी प्रशासन का कहना है कि सांस लेने संबंधी परेशानियां बढ़ने की वजह कोरोना से जुड़ी पाबंदियों में कमी आना है। इसके साथ ही इन्फ्लुएंजा वायरस, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया को भी इसकी वजह माना जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इस बार चीन में वायरस युवा लोगों को ही ज्यादा बीमार अपना शिकार बना रहा है। चीनी स्वास्थ्य अथॉरिटी (Chinese Health Authority) का कहना है, ‘न्यूमोनिया का बैक्टीरिया श्वसन तंत्र को ही प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा केस ज्यादा बिगड़ने पर फेफड़े भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को अस्पतालों में एडमिट कराना पड़ रहा है।’
इस संकट ने चीनी एजेंसियों की चिंता बढ़ाती जा रही है। काफी संख्या ऐसे लोगों की भी है, जिन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की बजाय घर पर ही इलाज ले रहे हैं। इस तरह कुल आंकड़ा बहुत ज्यादा है। बीजिंग में इन दिनों सर्दी बहुत ज्यादा हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें और गिरावट आने वाली है। ऐसे में एक तरफ मौसम के कहर और दूसरी तरफ रहस्यमयी बीमारी ने कमर ही तोड़कर रख दी है। चीन में आई इस रहस्यमयी बीमारी की लहर ने WHO की चिंता भी बढ़ा दी है। वैश्विक एजेंसी ने पूछा है कि आखिर इसकी वजह क्या है और अब तक क्या आंकड़ा बीमारों का रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार बीजिंग और लियाओनिंग के अस्पतालों में व्यवस्था चरमराती दिख रही है। युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या अस्पताल पहुंच रही है। इस संकट की वजह से स्कूलों को भी कुछ दिन के लिए बंद करना पड़ सकता है। एएफपी ने बीजिंग के कैपिटल इंस्टिट्यूट ऑफ पैडियाट्रिक्स हॉस्पिटल की तस्वीरें साझा की थीं, जिससे समझ आता है कि हालात कितने खराब हैं। मरीजों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं और अस्पतालों में बेड्स की भी कमी पैदा हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन से पूरा डेटा मांगा है। संस्था का कहना है कि वह हेल्थ एडवाइजरी (Health Advisory) जारी करे कि लोग बाहर कम निकलें ताकि इंफेक्शन कम से कम रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन यह स्टडी करना चाहता है कि आखिर बीमारी क्या है और क्या इसकी वजह से दुनिया को एक बार फिर से अलर्ट होने की जरूरत है या नहीं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते भी चीन निशाने पर था। WHO समेत तमाम संगठनों ने कोरोना से निपटने के चीन के तरीके पर सवाल उठाए थे।