नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
हिंदू धर्म के अनुसार देखें तो गोवर्धन पूजा का एक खास तरह का महत्व होता है। दिवाली के दूसरे दिन सेलिब्रेट किए जाने वाले इस त्यौहार से भगवान श्री कृष्ण जी की पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। साथ ही पंचांग के मुताबिक देखें तो, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है। दरअसल, इस दिन गोबर लीपकर घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण ( Shree Krishna) की प्रतिमा को तैयार किया जाता है। बीते वर्षों के अनुसार देखें तो अधिकतर दिवाली के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन साल 2023 में गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि कुछ लोग कह रहे हैं की ये पूजा 13 नवंबर यानी आज के दिन मनाई जाएगी तो कुछ लोग कह रहे हैं 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा मनाएंगे।
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तो आखिरकार गोवर्धन पूजा किस दिन की जाएगी ( Govardhan Puja Date 2023)
पंचांग के अनुसार देखें तो इस वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर, सोमवार सुबह के 2 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 14 नवंबर, मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36मिनट पर होगा। यदि उदया तिथि के अनुसार देखें तो इस वर्ष गोवर्धन पूजा 14 नवंबर के दिन मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 5:25 मिनट से लेकर रात के 9:36 मिनट के बीच है।
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गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इंद्रदेव भगवान के गुस्से के चलते पूरे गांव को तूफान और बारिश का प्रकोप सहना पड़ा था। श्रीकृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत ( Govardhan Parvat) उठाकर ब्रजवासियों को बचाया था। इसके बाद से ही हर वर्ष गोवर्धन पूजा की जाती है।
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गोवर्धन पूजा की तिथि
गोवर्धन पूजा करने के लिए गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण जी की प्रतिमा बनाते हैं। फूलों से गोवर्धन पर्वत सजाया जाता है। पूजा सामग्री की बात करें तो दीप, बताशे, धूप, अक्षत, रोली, खील और अन्नकूट आदि शामिल भी लिए जाते हैं। इसके बाद गोवर्धन पूजा में गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करते हुए आरती की जाती है।