नीलम सिंह चौहान, खबरी मीडिया
Life In Best 3 Smart Cities: तेजी से न केवल आबादी बढ़ रही है, बल्कि न केवल लोगों की लाइफस्टाइल भी बदलती जा रही है। वहीं, यूएन के एक अनुमान के अनुसार अगले कुछ दशक में दुनिया की करीब 70 फीसदी जनसंख्या आबादी शहरी इलाकों में रह रही होगी। उसी हिसाब से देशों की सुविधाएं भी विकसित कराई जाएंगी। लेकिन फिलहाल अभी तस्वीर थोड़ी अलग है। दुनिया के कई ऐसे शहर हैं, जहां जनसंख्या की समस्या है। तो दूसरी ओर कई सारे देश स्मार्ट टेक्नोलॉजी को अपनाकर तेजी से अपने शहरों को विश्व स्तर की लाइफस्टाइल देने के लिए अभी से मेहनत करनी होगी। ये सारे सवाल आज हमारे टाउन प्लानर्स के सामने हैं।
स्मार्ट सिटी को जानिए क्या बनाता है स्मार्ट
वर्ल्ड अर्बन फोरम के आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में वैसे तो कुल 10 हजार शहर हैं। लेकिन जिन्हें स्मार्ट कहा जा सके, ऐसे शहर अभी भी कम हैं। यहां सवाल ये है कि ऐसी कौन सी खूबी है जो शहर को स्मार्ट बनाती है। क्योंकि किसी भी शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कई सारे पैरामीटर्स होते हैं। जैसे कि वहां का बुनियादी ढांचा, पर्यावरण, विकास का बैलेंस, ग्रीन एनर्जी, मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन आदि।
स्मार्ट सिटी में लोगों के डेटा के अनुसार ही प्लानिंग की जाती है, सिविल वेलफेयर और और सरकारी सेवाओं में उन डेटा के आधार पर सर्विसेज को बेहतर बनाने की प्लानिंग की जाती है।
हमें स्मार्ट सिटी की आखिरकार जरूरत क्यों है
यूएन के रिपोर्ट की मानें तो विश्व की आबादी और रहन सहन में बड़े बड़े बदलाव आने वाले हैं। शहरीकरण और ग्रामीण इलाकों से पलायन की वजह से वर्ष 2050 तक 70 फीसदी कुल आबादी शहरी इलाकों में रह रही होगी यानी कि आने वाले तीन दशकों में शहर की आबादी में ढाई अरब लोगों का इजाफा हो जाएगा।
स्मार्ट सिटी में लाइफस्टाइल होती है कितनी स्मार्ट
ये तो आपको भी पता है कि कोई भी शहर तब बनता है जब वे अपने रोज के काम में टेक्नोलॉजी को तेजी से अपना लेता है। सिंगापुर की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और डिजाइन इकोनॉमिक, टेक्नोलॉजी अडॉप्शन और वहां के नागरिकों की लाइफस्टाइल के आधार पर शहरों का आंकलन करती है। ओस्लो, सिंगापुर, हेलसिंकी, ज्यूरिख जैसे शहर दुनिया के बेस्ट स्मार्ट सिटीज की लिस्ट में टॉप रैंक में आते हैं।
जानिए कैसे होना चाहिए स्मार्ट सिटीज
सबसे अमीर शहर है न्यूयॉर्क
अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर न सिर्फ वर्ल्ड का सबसे अमीर शहर है। यहां पर तमाम सड़कों पर सैकड़ों सेंसर युक्त सुविधाएं की और टेक्नोलॉजी का यूज शुरू हुआ। कचरा उठाने और उनकी रीसाइक्लिंग करने के लिए डेटा कलेक्शन और फिर उनके मैनेजमेंट का सिस्टम बनाया गया जिससे शहर साफ सुथरा लगे।
इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों के टेक्नोलॉजी को अपनाता है शहर ओस्लो
यहां पर 6लाख 70 हजार की आबादी है, ये शहर वर्ल्ड के मॉडर्न सिटी में से एक है। यहां की ज्यादातर गाड़ियां इलेक्ट्रिक में बदल चुकी हैं। प्रदूषण नहीं फैलाने वाली वाली गाड़ियां के लिए शहर प्रशासन की तरफ से कई तरह की सुविधा का एलान भी किया गया है। यहां का लक्ष्य है कि 25 वर्षों में पूरी तरह कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह से खत्म करने का।
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हैपीनेस इंडेक्स में टॉप रहने वाला शहर है होलिंसिकी का सीक्रेट
वर्ल्ड हैपीनेस इंडेक्स में दुनिया में सबसे टॉप पर रहने वाले देश फिनलैंड की कैपिटल होलिंसिकी शहर ने स्मार्ट सिटी बनने के टारगेट को सेट कर लिया है। इस शहर ने वर्ष 2035 तक जीरो कार्बन टारगेट को हासिल करने का लक्ष्य रखा है। यहां तक कि अगले 12 साल में ट्रैफिक एमिशन भी घटाकर 69 फीसदी करने के लक्ष्य पर इस सिटी में तेजी से काम किया जा रहा है।
बुजुर्गों का पेंशन, घर आकर हेल्थ चेकअप और मॉडर्न हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए नागरिकों का जीवन आसान बनाने जैसे कदम उठाए गए हैं। ये शहर तेजी से बदल रहा है।
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