पत्रकारिता के पथरीले -चिकने पथ पर सरपट दौड़ते-हाँफते 35 वर्ष कैसे गुजर गए, कुछ पता ही नहीं चला। किसान पुत्र होने की जो तकलीफे और आर्थिक दवाब छुटपन से महसूस किया उसे सीने में दबाये बढ़ता रहा। साथ ही एक आकांक्षा दिल में पलती रही..वो ये कि आने वाली कृषक पीढियां तंगहाली के दंश से मुक्त होकर सम्मान पूर्ण जीवन जियें।
हालांकि सरकार की चमकीली योजनाएं देश के किसानों की आंखों मे सपने बोती रहीं, लेकिन सुख की फसलें सिस्टम के नक्कारेपन और बिचौलियों के आधिपत्य वाले बेरहम बाजार तंत्र की भेंट चढती रही। कृषि अनुसंधान केंद्रों में एक से बढ़कर एक आविष्कार होते रहे हैं, लेकिन खेतों तक पहुँच नहीं पा रहे। हर कोई यह जानता समझता है कि अधिक पैदावार के लिए जो रासायनिक खाद, कीटनाशक इस्तेमाल हो रहे हैं, इससे हम ज़हर उगा और खा रहे हैं, फिर भी इसके प्रति उदासीनता बनी हुई है। इन्ही खाईयों और दूरियों को पाटने की कोशिश और स्वच्छ उगाओ, स्वच्छ खाओ; खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाओ के मिशन के तहत भाई यानी भारतीय अलायंस फॉर एग्रो इनोवेशन का अभ्युदय हुआ। सरोकारी पत्रकारों और सजक किसानों की टोलियाँ इस अभियान में शामिल हो रही हैं।
मालूम हो कि भाई की परिकल्पना के तहत इसके अगुआ वरिष्ठ पत्रकार दोस्त मनोज रस्तोगी ने अपने जीवन की जमा पूंजी और अपने एक मित्र नीरज श्रीवास्तव जी के निवेश के साथ Agronext Ventures नाम से एक कम्पनी बनाई और दिल्ली के निकट हापुड़ में इजरायल की तकनीक वाली आधुनिक खेती के लिए जमीन खरीदी। इसमें हाईटेक मशरूम प्लांट, hydroponic plaant, मछली पालन, डेयरी के साथ एक समावेशी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कृषि उद्योग इनोवेशन हब बनाने की तैयारी है। उधर दो साल पहले मैंने भी मुख्य धारा की पत्रकारिता से बिमुख होकर अपने गाँव (बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी- त्योंथ) में खेती करनी शुरू की और इलाके के प्रोग्रेसिव किसान भाईयों की टोली बनाने में जुटा था।
इसी दौरान इस अभियान को भाई -के साथ मिलकर आगे बढ़ाने के लिए हम साथ चल पड़े। एक ही परिसर में दुनिया की अत्याधुनिक तकनीकी से हो रही प्राकृतिक खेती, कृषि अवशिष्ट के बाय प्रोडक्ट्स बनाने, फसल की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज और बिक्री के तौर तरीके दिखाने- सिखाने का एक समेकित ट्रेनिंग सेंटर, किसान सहायता केंद्र की स्थापना और कृषि और इससे जुड़े उत्पाद की एक पारदर्शी बाजार व्यवस्था विकसित करना इस प्रस्तावित इनोवेशन हब का एक महती पहलू है। यह एक मॉडल प्रोजेक्ट होगा जिसके तर्ज पर शीघ्र ही उत्तर प्रदेश और देश के अलग अलग हिस्सों में ऐसे ही कृषि उद्योग इनोवेशन हब की स्थापना की हमारी आकांक्षा है। ताकि देश भर के प्रगतिशील किसान नवीनतम टेक्नॉलोजी अपनाकर शुद्ध और जैविक खाद्यान पैदा करके ज्यादा मुनाफ़ा पा सके। और बीते 4 अप्रैल, सोमवार के दिन भाई के लिए एक सुखद पल था जब इस इनोवेशन हब की नीव पड़ी देश के गणमान्य व्यक्तियों के हाथों।
एग्रोनेक्स्ट वेंचर्स और वाइब्रन्ट इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित इस भूमिपूजन, किसान सम्मान और किसान जागरूकता कैंपेन शुभारंभ कार्यक्रम में मशहूर फ़िल्म निर्माता- निर्देशक एन चंद्रा (जिन्होंने सामाजिक विषयों पर युगांधर , अंकुश , प्रतिघात , तेजाब और तेजस्विनी जैसी सफल और विचारोत्तेजक फिल्में बनाई), यूपी कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, स्थानीय विधायक धर्मेश तोमर, जाने माने समाज सेवी नरेंद्र अग्रवाल और इलाके के कई ग्राम प्रधान और प्रगतिशील किसान मौजूद थे।
वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सुधारकर के फेसबुक वॉल से साभार
READ: Sudhir Sudhakar, Senior Journalist, khabrimedia–farming Business,