नीलम सिंह चौहान,
Noida News: हम और आप..ज्यादातर लोग कहीं आने-जाने के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन समय की कमी या फिर लेटलतीफी की वजह से प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र(Pollution Certificate) नहीं करवा पाते। जिसकी वजह से नोएडा समेत NCR में प्रदूषण का साया मंडराता ही रहता है। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार माना गया है।
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अब इसपर अंकुश लगाने के लिए बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र(Pollution Certificate) के वाहन सड़क पर दौड़ाने पर पाबंदी है। यदि पकड़ लिए जाते हैं तो 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है, ताकि लोग अपने गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर सकें।
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शहर के वाहन चालान पत्र को बनवाने में आने वाले 80 से लेकर 100 रुपए का खर्चा बचाने के चक्कर में अब 10 हजार रुपए तक का चालान भुगतना पड़ सकता है। ट्रैफिक विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 7 महीने में करीब 5900 वाहन चालकों को बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के वाहन दौड़ते हुए पकड़ा गया है।
7 महीने के दौरान बिन प्रदूषण जांच में पकड़े गए गाड़ियों की बात करें, तो जनवरी के महीने में 552, फरवरी में 816, मार्च में 623, अप्रैल में 929, मई में 1009, जून के महीने में 755, जुलाई में 1190 वाहन चालक बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के वाहनों को दौड़ते हुए पकड़े गए हैं।
डीसीपी ट्रैफिक अनिल कुमार यादव का इस मामले को लेकर कहना है कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ लगातार जांच अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इसी का नतीजा है कि बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र दौड़ाने वाले वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोग चंद रुपए बचाने के चक्कर में 10 हजार रूपए के भारी भरकम चालान को भुगत रहे हैं।