उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश में बारिश आफत बन कर बरस रही है। भयंकर बारिश और बादल फटने के कारण अब तक राज्य में 50 लोगों से भी ज्यादा मौत हो चुकी है। लगभग 30 लोगों की मलबे में दबे होने की आशंका है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक जगह तो वहीं मंड़ी में दो जगह बादल के फटने से तबाही मची है।
मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला 14, सोलन 11, कांगड़ा-हमीरपुर 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की मौत हो चुकी है। कई ऐसे इलाके हैं जहां कितना नुकसान हुआ है, कितने लोगों की जान चली गई इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हिमांचल में बारिश और बादल फटने के चलते 621 सड़कें बंद हैं।
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इसके साथ ही 4697 विद्युत ट्रांसफार्मर व 902 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप्प हो गई हैं। अब तक राज्य में 24 जून से 14 अगस्त तक 283 लोगों की मौत मानसून के चलते हो चुकी है और 304 घायल हुए हैं। अब तक 1442 घर ढह गए हैं। 8160 घरों को नुकसान पहुंचा है। 272 दुकानों व 2997 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून में अभी तक 7170.85 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 112 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शिमला में पेड़ गिरने, भूस्खलन से व्यापक नुकसान हुआ है। पूरे शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
लगातार तीन दिन से हो रही बारिश
लगातार तीन दिन से हो रही बारिश ने सोमवार सुबह राजधानी में भारी तबाही बरसाई। भूस्खलन और पेड़ ढहने से शहर में एक ही दिन में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। समरहिल में मलबे में कई लोगों के लापता होने की आशंका है। मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राजधानी के समरहिल और फागली में दोनों जगह शिमला-कालका रेल लाइन पर हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिवमंदिर और ढारे मलबे में दब गए। शहर के फागली में लाल कोठी के पास भी दिल दहलाने वाली घटना हुई। यहां भी सुबह के समय रेल लाइन के नीचे से भारी मात्रा में मलबा और पेड़ निचली ओर बने ढारों पर जा गिरे। इन ढारों में रह रहे 8 लोग मलबे में दब गए। सुबह 10:00 बजे तक तीन घायल लोगों को मलबे से निकालकर आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया। जिसमें से 5 लोगों की मौत हो गई है।
राज्य के सोलन जिले में भयंकर बारिश कहर बरसा रही है। जिले में आपदा में पांच बच्चों समेत दस लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक महिला गंभीर घायल हो गई है। पंचायत ममलीग के गांव जड़ौण में देर रात करीब 1:30 पर बादल फटने से एक परिवार के सात लोगों और अर्की के चलोग गांव में देर रात भवन की दीवार गिरने से एक युवती समेत बच्चे की दबकर मौत हो गई है। लौहारघाट पंचायत के बानली गांव में एक मकान ढहने से पत्नी-पति मलबे में दब गए। इसमें महिला की मौत हो गई है।
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प्राप्त सूचना के अनुसार पंचायत ममलीग के जड़ौण गांव में बादल फटने से एक परिवार के दो भवन चपेट में आ गए। इनमें कुल 13 लोग मौजूद थे। इनमें सात की मौत हो गई है। जबकि 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मृतकों में 38 वर्षीय हरनाम, कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12) , गोलू (8) और रक्षा (12) शामिल हैं। जबकि कांता देवी का अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं दूसरे हादसे में अर्की की बलेरा पंचायत के गांव चलोग में घर की दीवार गिरने से 21 वर्षीय तमन्ना पुत्री रणजीत निवासी बियुखंरी रामशहर नालागढ़ और 14 वर्षीय यादव पुत्र जगदीश गांव चलोग अर्की की दबकर मौत हो गई है। तीसरे हादसे में लौहारघाट पंचायत के गांव बानली में 65 वर्षीय महिला फूला देवी पत्नी सोहनू राम की भवन में दबकर मौत हो गई है।
मंडी जिले में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के चलते बहुत अधिक नुकसान हुआ है। इसमें 18 लोगों की जान चली गई है जबकि यहां पर छह घायल है। इसके अलावा तीन लोग लापता हो गए है। द्रंग विधानसभा क्षेत्र के इलाका उत्तरशाल की ग्राम पंचायत सेगली के बंबोला में मलबा गिरने से एक रिहायशी मकान चपेट में आ गया। इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है। जबकि पांच लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए बताए जा रहे हैं।