कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
लोकसभा चुनाव 2024 धीरे धीरे अब नजदीक आता जा रहा है और इसी को देखते हुए सभी पार्टियां अपने दल को मजबूत करने में जुटी है। लेकिन राज्य की बड़ी पार्टियां के लिए सबसे बड़ी समस्या सीट बंटवारे को लेकर आ रही है क्योंकि कोई भी दल अपने से छोटे दल को ज्यादा सीट देने के बारे में नहीं सोच रहा है।
बात करते हैं बिहार की। क्योंकि आज एनडीए के सामने जो ‘INDIA’ पार्टी खड़ी हुई है उसकी शुरुआत कहीं न कहीं बिहार की ही धरती से हुई है। इसकी शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा ही कि गई थी उन्होंने ने ही सभी विपक्षी पार्टियों के राज्यों में जा-जाकर सबको साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया था।
लेकिन अब उन्ही के राज्य बिहार में महागठबंधन में 2024 को लेकर अभी से पेंच फंसता हुआ दिखाई दे रहा है और ये फैसला करने में दिक्कत आ रही है कि महागठबंधन में शामिल लेफ्ट,कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राजद कितने कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सूत्रों के अनुसार लेफ्ट ने नीतीश कुमार और लालू यादव से 8 लोकसभा सीट की मांग की है लेकिन दोनों पार्टियां ऐसी कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है जिससे एनडीए को चुनावी मैदान में आसानी हो सके।
नीतीश कुमार के करीबियों के अनुसार 2025 के विधानसभा में तेजस्वी यादव को सीएम का उम्मीदवार बनाने की शर्त पर जदयू आरजेडी से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है और हो भी सकता है कि लालू प्रसाद इस बात को स्वीकार कर ले लेकिन फिर भी लालू और नीतीश 30 से 32 सीट पर बिहार में चुनाव लड़ना चाहते है ताकि अपनी उम्मीदवारी लोकसभा में मजबूत कर सके।
लेकिन 16 विधायक के बाहर से बिहार सरकार को समर्थन दे रही लेफ्ट पार्टी 8 सीट पर अडिग है और नीतीश कुमार और लालू यादव ये चाहते है कि लेफ्ट को बिहार में 3 सीट जिसमे माले को 2 और सीपीआई 1 सीट दिया जाए और कांग्रेस को 4-5 सीट दिया जाए लेकिन सवाल ये भी हो रहा है कि अगर कांग्रेस एक बार को उनकी बात मान भी ले तो क्या लेफ्ट इनकी शर्त को मानकर लोकसभा चुनाव लड़ेगा और अगर लेफ्ट महागठबंधन से बिहार में अलग हो जाता है तो ये इनको भी पता है कि बहुत सी सीटों पर NDA को फायदा पहुँचा सकता है जो महागठबंधन के नेता बिल्कुल नहीं चाहते हैं।
नीतीश कुमार और लालू यादव को पता है कि बिहार में बीजेपी खुद कम से कम 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वो यही चाहते है कि जहां से बीजेपी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारे वहां जदयू या राजद का ही उम्मीदवार मैदान में हो ताकि कड़ी टक्कर दी जा सके। लेकिन अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि नीतीश कुमार और लालू यादव अपने सहयोगियों को कैसे साथ लेकर चुनाव लड़ते है और 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA को टक्कर देते हैं।