नीलम सिंह चौहान, khabrimedia.com
नोएडा वासियों के लिए आज हम ये खुशखबरी लेकर के आए हैं।, क्योंकि अब हो सकता है कि नोएडा के सेक्टर 62 से वैशाली तक मेट्रो का न्यू रूट तय हो। इस बार सेक्टर 62 से वैशाली तक के रूट का अलाइनमेंट तैयार करने से पहले वहां सरकारी प्रॉपर्टी की अवलेबिलिटी भी देखी जा सकती है ताकि मेट्रो संचालन का ज्यादा भार न पड़े।
बताते चलें कि, जीडीए मेट्रो की रेड और ब्लू लाइन को जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
बीते दिनों जीडीए ने डीएमआरसी को नोएडा से लेकर के वैशाली तक मेट्रो के न्यू रूट की अलाइनमेंट पर काम करने को कहा था। इसके बाद डीएमआरसी प्राधिकरण ने इसके नए रूट का अलाइनमेंट दिया। इस अलाइनमेंट का प्राधिकरण के इंजेरिनियरिंग अनुभाग ने अध्यन किया तो ये पाया कि इस अलाइनमेंट में निजी प्रॉपर्टी भी आ रही है। ऐसे में निजी जमीन खरीदने में मेट्रो की लागत दो गुना हो जाने की पूरी संभावना है। वहीं एक समस्या और भी है कि निजी जमीन के ओनर के उपर डिपेंड करेगा और ऐसे में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कहां आई थी समस्या
जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने ये बताया कि नोएडा से लेकर वैशाली मेट्रो स्टेशन को जोड़ने वाले 5.83 किलोमीटर लंबे नए रूट के अलाइनमेंट में कई सारी जगहें निजी प्रॉपर्टी आ रही है। नोएडा से सीआईएसएफ होते हुए डीपीएस इंदिरापुरम के समीप रूट के बीच ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट और निर्माणाधीन हॉस्पिटल भी आ रहा है, इसी तरह रामप्रस्थ क्षेत्र में कुछ निजी जमीन भी यहां आ रही है। निजी जमीन खरीदने में कई समस्या होगी।
क्या था पुराना रूट
शासन को भेजी हुई डीपीआर के अनुसार , पुराने रूट वैशाली और नोएडा से मोहननगर तक मेट्रो फेज तीन के दो प्रोजेक्ट लागत तकरीबन 3325.22 करोड़ रुपए आ रही है। इस वजह से और भी विकल्पों से इन मेट्रो लाइन को जोड़ने का मंथन जारी है।
वहीं मानवेंद्र सिंह ( प्रभारी मुख्य अभियंता, जीडीए) का ये कहना है कि “नोएडा से लेकर वैशाली तक मेट्रो के लिए नए अलाइनमेंट में निजी जमीन आ रही है। इस कारण ये रूट तैयार करना बिल्कुल भी संभव नहीं है। अब ऐसे अलाइनमेंट में विचार किया जा सकता है। जिसमें सरकारी जमीन की उपलप्धता हो और प्रोजेक्ट की लागत भी कम आ रही हो। “