कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
ओडिशा के बालासोर में मौजूद बहानागा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार देर शाम हुए ट्रेन हादसे में अबतक 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है..वहीं 900 के करीब लोग घायल हो चुके हैं जिनका इलाज़ अस्पताल में चल रहा है.NDRF की टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है. इसे 2016 के बाद सबसे बड़ा हादसा है कहा जा रहा है. लेकिन आपको बता दें कि ये दर्दनाक हादसा टल सकता था अगर ट्रेन में मौजूद कवच टेक्नोलॉजीKavach Technology) काम कर जाती।
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क्या है KAVACH ?
कवच टेक्नोलॉजी पूरी तरह से स्वेदेशी टेक्नोलॉजी है. यह एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (automatic train protection system) है जिसमें दो ट्रेनों की आमने सामने की टक्कर को होने से रोकता है. इस तकनीक के जरिए ट्रेनों की टक्कर को रोकर सफर को ज्यादा सुरक्षित बनाने का रेलवे का प्लान है. इस तकनीक में अगर दो ट्रेन आमने सामने आ जाता है और स्पीड कम कर देती है तो ब्रेक लगाती है ऐसी स्थिति में ट्रेनों में टक्कर होने की गुंजाइश कम हो जाती है.
कवच टेक्नोलॉजी (Kavach Technology).का इस्तेमाल पिछले साल रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लांच किया.और इसका ट्रायल पिछले साल पूरी तरह से सफल रहा. इस ट्रायल को लिंगमपल्ली-विकाराबाद स्टेशन जो कि दक्षिण मध्य रेलवे में स्थित है वहां किया गया था
रेलवे को भारत की लाइफलाइन माना जाता है. हर दिन लाखों यात्री ट्रेन से ट्रैवल करते है.ऐसे में रेलवे की यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है कि यात्रियों का सफर सुरक्षित हो. रेलवे पिछले कुछ सालों से यात्री सुरक्षा के लिए बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. सवाल बस एक ही ऐसे भीषण हादसों को रोकने के लिए बनाई गई Kavach टेक्नोलॉजी इस बड़े हादसे को रोक क्यों नहीं पाई।