कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
योगी आदित्यनाथ ने जब से यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है तबसे यूपी के ज्यादातर माफिया की गुंडागर्दी की दुकान बंद हो गई है। एक से बढ़कर एक तीस मारखां डॉन मिट्टी में मिला दिए गए हैं। और जो बचे हैं वो भी यूपी छोड़कर दूसरे धंधे में लग गए हैं।
ऐसी ही एक ख़बर यूपी के गोरखपुर से आ रही है। वही गोरखपुर जिससे सीएम योगी आदित्यनाथ का पुराना रिश्ता है..एक समय गोरखपुर शहर जुर्म की नगरी हुआ करता था। हत्या, किडनैपिंग, लूटपाट, जबरन वसूली, ठेकेदारी को लेकर राज्य में वर्चस्व की लड़ाई इतनी थी कि शहर अक्सर गोरखपुर की धरती खून से लाल हो जाती थी। इसी गोरखपुर से अब नए माफिया का नाम जुड़ गया है। नाम है नाम है अजीत शाही। डॉन नंबर 62। जो अब यूपी पुलिस के शिकंजे में है।
ये भी पढ़ें: Noida: 5 लाख लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने वाली ख़बर
अजीत शाही मूलरूप से देवरिया के भाटपार रानी थाना क्षेत्र के पकड़ी बाबू गांव का रहने वाला एक खतरनाक हिस्ट्रीशीटर है। उसपर कई आरोप दर्ज हैं, लेकिन कई सालों से वो पुलिस से बचता जा रहा था। गोरखपुर के 4 अन्य अपराधी विनोद उपाध्याय, सुधीर सिंह, राजन तिवारी और राकेश यादव पहले ही यूपी पुलिस की लिस्ट में माफिया करार दिए जा चुके थे। अजीत शाही का नाम जिले के टॉप टेन क्रिमिनल्स में कुछ समय पहले शामिल हो चुका था, लेकिन अब अजीत शाही बन चुका है राज्य का 62वां माफिया।
ये भी पढ़ें: ‘मोबाइल’ के लिए मासूम ने भाई की जान ले ली!
अजित शाही पिछले 7 साल से पुलिस के रडार से खुद को बचाते आ रहा था। लेकिन हाल ही में कोऑपरेटिव बैंक में घुसकर कर्मचारियों को धमकाने आया तो इस बार वो पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। अजीत शाही पर 23 साल पहले दर्ज एक केस के मामले में भी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था। 18 मई के दिन वकील की ड्रेस पहनकर शाही पुलिस से छुपकर कोर्ट में आया और सरेंडर कर दिया। जहां कोर्ट ने उसे 14 दिनों की रिमांड पर भेज दिया।
सरेंडर करने के पीछे का कारण अतीक अहमद जैसे माफ़िया का खात्मा और यूपी पुलिस के द्वारा हो रहे एनकाउंटर बताया जा रहा है क्योंकि जबसे ये एनकाउंटर का दौर शुरू हुआ है तबसे बड़े से बड़े माफिया खुद को पुलिस के सामने सरेंडर करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।