5 साल से पहले नहीं बिकेगी फैक्ट्री की जमीन
Jharkhand News: झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन की सट्टेबाजी और जमाखोरी पर रोक लगाने के लिए नई भूमि आवंटन नीति का ड्राफ्ट (Draft) तैयार किया है। इसका उद्देश्य केवल गंभीर उद्यमियों को अवसर देना और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।

जमीन की जमाखोरी पर लगेगी रोक
नई नीति का मुख्य लक्ष्य उन प्रवृत्तियों को रोकना है, जहां लोग झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण से रियायती दरों पर जमीन लेकर उद्योग स्थापित करने की बजाय उसे ऊंचे दामों पर बेच देते थे। इस प्रथा के कारण वास्तविक उद्यमियों को जमीन नहीं मिल पाती थी, और औद्योगिक विकास भी प्रभावित होता था। पांच साल का लॉक-इन पीरियड इस सट्टेबाजी को खत्म करेगा, जिससे केवल वे उद्यमी जमीन के लिए आवेदन करेंगे जो वास्तव में उद्योग लगाने के इच्छुक हैं।
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नई नीति में सिर्फ लॉक-इन पीरियड नहीं, बल्कि जमीन के ट्रांसफर को भी महंगा किया गया है। वहीं, बड़ी औद्योगिक इकाइयों के लिए यह शुल्क 25% से बढ़कर 40% हो जाएगा। एमएसएमई इकाइयों के लिए ट्रांसफर शुल्क को वर्तमान 15% से बढ़ाकर 25% किया जाएगा।
पात्रता नियम होंगे सख्त
सरकार ने जमीन आवंटन की पात्रता को भी सख्त कर दिया है जिससे केवल वित्तीय रूप से सक्षम और गंभीर आवेदक ही आगे आएं। नए नियमों के अनुसार, आवेदक की नेट वर्थ प्रस्तावित परियोजना की कुल लागत का कम से कम 30 प्रतिशत होनी चाहिए। इसके अलावा, आवेदक के टर्नओवर की भी जांच होगी। उदाहरण के लिए, आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 21,780 से 43,560 वर्गफीट जमीन के लिए आवेदन करने वाली इकाई का न्यूनतम टर्नओवर तीन करोड़ रुपये होना अनिवार्य होगा।
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उद्योग जगत ने बताया स्वागतयोग्य कदम
उद्योग जगत ने इस पहल का स्वागत किया है। आदित्यपुर स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, जिससे जमीन के खेल पर रोक लगेगी। इस मसौदे को अब अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

