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Jharkhand: खुशखबरी! झारखंड के 50 छात्रों को मिलेगा विदेश में फ्री उच्च शिक्षा का मौका

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Jharkhand News: झारखंड सरकार ने राज्य के मेधावी छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

Jharkhand News: झारखंड सरकार ने राज्य के मेधावी छात्रों (Bright Students) के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। बता दें कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना (Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship Scheme) के अंतर्गत अब 50 छात्र यूनाइटेड किंगडम (यूके) और आयरलैंड जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। पढ़िए पूरी खबर…

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अब तक कई छात्रों को मिला लाभ

आपको बता दें कि यह महत्वाकांक्षी योजना साल 2021 में शुरू की गई थी, जिसके तहत शुरुआत में सिर्फ 10 छात्रों को विदेश भेजा जा रहा था। बाद में इस संख्या को बढ़ाकर 25 किया गया। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में यह संख्या बढ़ाकर 50 कर दी गई है। सरकार पहले ही इस फैसले को मंजूरी दे चुकी है, जिससे अब अधिक छात्र योजना का लाभ उठा सकेंगे।

छात्रवृत्ति योजना का लाभ कैसे उठाएं?

इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए छात्रों को सरकार द्वारा जारी वेबसाइट www.mgos.jharkhand.gov.in पर जाना होगा। आवेदन प्राप्त होने के बाद झारखंड सरकार का कल्याण विभाग इंटरव्यू के आधार पर 50 छात्रों का चयन करेगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और सभी पात्र छात्रों को समान अवसर दिया जाएगा।

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आरक्षण के तहत होगा चयन

चयनित 50 छात्रों में आरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। 20 छात्र अनुसूचित जनजाति (ST), 10 अनुसूचित जाति (SC), 14 पिछड़ा वर्ग (OBC) और 6 छात्र अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी वर्गों के योग्य विद्यार्थियों को इस योजना से लाभ मिले।

मास्टर्स और एमफिल की पढ़ाई के लिए मिलेगा मौका

इस योजना के तहत अधिकतम 35 वर्ष की उम्र के छात्र आवेदन कर सकते हैं। 31 विषयों में मास्टर्स और एमफिल डिग्री के लिए उन्हें यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। राज्य सरकार इनकी पूरी शिक्षा, रहने और अन्य खर्चों का वहन करेगी।

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पहले भी कई छात्रों को भेजा जा चुका है विदेश

इस योजना के तहत 2021 में 6 छात्रों को विदेश भेजा गया था। इसके बाद 2022 में छात्र संख्या को 25 कर दिया गया। योजना के तहत विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षा की गुणवत्ता, वैश्विक एक्सपोजर और करियर में बेहतर संभावनाएं प्राप्त होती हैं।