Himachal Pradesh: भारत इस समय गर्व और उत्साह से भरा हुआ है। कारण है – अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी। अंतरिक्ष से लौटे शुक्ला ने देश का नाम रोशन किया है। लेकिन इसी बीच हिमाचल प्रदेश के ऊना से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का एक बयान सुर्ख़ियों में आ गया है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। 23 अगस्त 2025 को नेशनल स्पेस डे पर ऊना के एक पीएम स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए ठाकुर ने मुस्कुराते हुए सवाल किया –
“बताओ, सबसे पहले अंतरिक्ष में कौन गया था?”
बच्चों ने एक स्वर में उत्तर दिया – “नील आर्मस्ट्रांग।”
यह सुनते ही ठाकुर ने हँसकर कहा –
“मुझे तो लगता है, सबसे पहले अंतरिक्ष में हनुमान जी ही गए थे। हमारी संस्कृति और परंपरा इतनी गहरी है कि हमें सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।”
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मिथक बनाम विज्ञान – दो पहलुओं की टक्कर
रामायण में वर्णन मिलता है कि हनुमान जी ने समुद्र पार कर लंका तक छलांग लगाई थी। इसे कई लोग एक प्रकार की ‘अंतरिक्ष यात्रा’ का प्रतीक मानते हैं।लेकिन अगर विज्ञान की बात करें तो दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री थे यूरी गागरिन (1961) और नील आर्मस्ट्रांग (1969) वो पहले व्यक्ति बने जिन्होंने चाँद पर कदम रखा। यानी, बच्चों का जवाब और सांसद का बयान – दोनों ही ऐतिहासिक तथ्यों से अलग थे। अनुराग ठाकुर का असल मक़सद केवल बच्चों को चौंकाना नहीं था। वे यह बताना चाहते थे कि –ज्ञान सिर्फ़ पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होता। भारतीय सभ्यता और पौराणिक ग्रंथों में भी प्रेरणा और विज्ञान की झलक छिपी है।नई पीढ़ी को चाहिए कि वह परंपरा, आधुनिक विज्ञान और नए विचार – तीनों से सीख लेकर आगे बढ़े। सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर हलचल मची हुई है। कुछ लोग इसे “भारतीय संस्कृति पर गर्व करने वाला कथन” बता रहे हैं, तो वहीं कई लोग इसे “विज्ञान और तथ्य से दूरी” का उदाहरण मान रहे हैं।
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अनुराग ठाकुर का यह बयान भले ही विवादों में हो, लेकिन एक बात तय है इसने बच्चों और बड़ों दोनों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर हम शिक्षा में मिथक और विज्ञान के बीच संतुलन कैसे बनाएँ। कहानी चाहे हनुमान जी की छलांग की हो या गागरिन और आर्मस्ट्रांग की उड़ान की संदेश यही है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती बस अध्यापकों को देखना पड़ेगा कि परीक्षा में बच्चे हनुमान जी न लिख दें और लिख दें तो नंबर न काटेंगे क्या?!!!

लेखिका निहारिका महेश्वरी

