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Jharkhand: डब्ल्यूएचओ ने झारखंड सरकार की इस योजना को सराहा, दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए बताया मॉडल स्कीम

झारखंड राजनीति
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Jharkhand News: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की उस विशेष योजना की सराहना की है, जिसके तहत टीबी रोगियों (TB Patients) को पोषण सहायता के रूप में राशन दिया जाता है। WHO ने इस पहल को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक मॉडल स्कीम करार दिया है और ऐसे ही रणनीतियों को अपनाने का आह्वान किया है, जिससे वैश्विक स्तर पर टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को तेजी से प्राप्त किया जा सके। पढ़िए पूरी खबर…

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ICMR अध्ययन में सामने आए नतीजे

WHO की सराहना भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन के आधार पर की गई है। यह अध्ययन वर्ष 2023 में द लैसेंट ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में ‘राशंस’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। अध्ययन में पाया गया कि टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने से इलाज में तेजी आई और मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई।

राशन से बेहतर रिकवरी और जीवित रहने की दर

अध्ययन में यह सामने आया कि जिन मरीजों को भोजन का राशन दिया गया, उनकी रिकवरी और जीवित रहने की दर मानक देखभाल की तुलना में कहीं बेहतर रही। इसी प्रभाव को पहचानते हुए WHO ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से वैश्विक स्तर पर टीबी उन्मूलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस तरह की पहल अपनाने की अपील की है।

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झारखंड सरकार ने चलाया टीबी मुक्त अभियान

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने WHO की इस सराहना को राज्य की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। राज्य सरकार ने टीबी मुक्त झारखंड अभियान की शुरुआत की है, जिसमें दवाइयों से लेकर पोषण और जागरूकता तक हर स्तर पर संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी इस पहल की प्रशंसा की और निरंतर सहयोग दिया।

आदिवासी बहुल जिलों में हुआ था अध्ययन

ICMR द्वारा यह अध्ययन 16 अगस्त 2019 से 31 जनवरी 2021 के बीच झारखंड के चार आदिवासी बहुल जिलों में कराया गया था। इसमें संथाल, हो, मुंडा, उरांव और भूमिज समुदाय के मरीज शामिल थे। अध्ययन में पाया गया कि जिन्हें राशन दिया गया, उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ।

क्या मिला मरीजों को राशन योजना के तहत?

रिपोर्ट के अनुसार, टीबी रोगियों को छह महीने तक भोजन राशन दिया गया, जिसमें प्रतिदिन 1200 किलो कैलोरी और 52 ग्राम प्रोटीन शामिल था। वहीं, हस्तक्षेप समूह के मरीजों को मासिक राशन और सूक्ष्म पोषक तत्व मिले, जिसमें प्रतिदिन 750 किलो कैलोरी और 23 ग्राम प्रोटीन शामिल था।

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फॉलोअप में भी दिखा असर

सभी घरेलू संपर्कों की जांच और उपचार के बाद 31 जुलाई 2022 तक प्रतिभागियों का फॉलोअप किया गया। इसमें स्पष्ट हुआ कि राशन प्राप्त करने वाले मरीजों की सेहत लगातार बेहतर हुई और उनकी रिकवरी तेज रही।