ये ख़बर उन फ्लैट खरीदारों के लिए है जिन्होंने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पैसे तो फंसा दिए..लेकिन सालों बाद भी उन्हें रहने के लिए फ्लैट नसीब नहीं हो पाया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधर में फंसी हुई 100 से अधिक बिल्डर परियोजनाएं के अब पूरे होने के आसार दिखाई देने लगे हैं। शनिवार को नान बैकिंग फाइनेंस कंपनियों और क्रेडाई के सदस्यों ने प्राधिकरण अफसरों के साथ बैठक कर बिल्डरों को राहत देने, मार्गेज की अनुमति देने और को- डेवलपर लाने के लिए सुझाव दिये हैं। जिसपर अफसरों ने विचार करने का निर्णय लिया है।
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बैंकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बने : बैठक में कंपनियों ने मांग रखी कि दोनों प्राधिकरण में उनके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो। जिससे वह आसानी से पता कर सकें कि किस बिल्डर परियोजना पर कितना बकाया है, कौन सी डिफॉल्टर है समेत अन्य जानकारी मिल सके। इस व्यवस्था के लागू होने से उनके लिए तय करना आसान हो जाएगा कि किस परियोजना को फाइनेंस करें और किसको नहीं।
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एस्क्रो एकाउंट खोला जाए
कंपनियों ने कहा कि हर बिल्डर परियोजना का एस्क्रो एकाउंट खोला जाए ताकि खरीदारों से आने वाले पैसे का पूरा हिसाब रखा जा सके।
बैठक की अध्यक्षता नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण के चेयरमैन और औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने की। मौके पर नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, नॉन बैकिंग फाइनेंस कंपनियों से एलएनटी, आदित्य बिरला सहित कई कंपनी के प्रतिनिधि और क्रेडाई के सदस्य मौजूद थे।
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